अर्हद्वक्त्राब्जसंभूतां, गणाधीशावतारितां।
महर्षिधारितां स्तोष्ये, नाम्नामष्टशतेन गां।।१।।
१. ॐ ह्रीं श्री आदिब्रह्ममुखाम्भोज प्रभवायै नम:
२. ॐ ह्रीं द्वादशांगिन्यै नम:
३. ॐ ह्रीं सर्वभाषायै नम:
४. ॐ ह्रीं वाण्यै नम:
५. ॐ ह्रीं शारदायै नम:
६. ॐ ह्रीं गिरे नम:
७. ॐ ह्रीं सरस्वत्यै नम:
८. ॐ ह्रीं ब्राह्म्यै नम:
९. ॐ ह्रीं वाग्देवतायै नम:
१०. ॐ ह्रीं देव्यै नम:
११. ॐ ह्रीं भारत्यै नम:
१२. ॐ ह्रीं श्रीनिवासिन्यै नम:
१३. ॐ ह्रीं आचारसूत्रकृतपादायै नम:
१४. ॐ ह्रीं स्थानतुर्यांगजंघायै नम:
१५. ॐ ह्रीं व्याख्या-प्रज्ञप्ति-ज्ञातृ- धर्मकथांग चारुरूभासुरायै नम:
१६. ॐ ह्रीं उपासकांग सन्मध्यायै नम:
१७. ॐ ह्रीं अंतकृद्दशांगनाभिकायै नम:
१८. ॐ ह्रीं अनुत्तरोपपत्तिदशप्रश्न-व्याकरणस्तन्यै नम:
१९. ॐ ह्रीं विपाकसूत्रसद्वक्षसे नम:
२०. ॐ ह्रीं दृष्टिवादांगकंधरायै नम:
२१. ॐ ह्रीं परिकर्ममहासूत्रविपुलांस-विराजितायै नम:
२२. ॐ ह्रीं चन्द्र-मार्तंडप्रज्ञप्तिभास्वद्बाहु-सुबल्ल्यै नम:
२३. ॐ ह्रीं जम्बूद्वीप सागरप्रज्ञप्तिसत्करायै नम:
२४. ॐ ह्रीं व्याख्याप्रज्ञप्तिविभ्राजत्पंच-शाखामनोहरायै नम:
२५. ॐ ह्रीं पूर्वानुयोगवदनायै नम:
२६. ॐ ह्रीं पूर्वाख्यचिबुकांचितायै नम:
२७. ॐ ह्रीं उत्पादपूर्वसन्नासायै नम:
२८. ॐ ह्रीं अग्रायणीयदंतायै नम:
२९. ॐ ह्रीं अस्तिनास्तिप्रवादौष्ठायै नम:
३०. ॐ ह्रीं चित्प्रवादकपोलायै नम:
३१. ॐ ह्रीं सत्यप्रवादरसनायै नम:
३२. ॐ ह्रीं आत्मप्रवादमहाहनवे नम:
३३. ॐ ह्रीं कर्मप्रवादसत्तालवे नम:
३४. ॐ ह्रीं प्रत्याख्यानललाटायै नम:
३५. ॐ ह्रीं विद्यानुवादकल्याणनामधेय-सुलोचनायै नम:
३६. ॐ ह्रीं प्राणावायक्रियाविशालपूर्वभ्रू-धनुर्लतायै नम:
३७. ॐ ह्रीं लोकबिन्दुमहासारचूलिका-श्रवणद्वयायै नम:
३८. ॐ ह्रीं स्थलगाख्यलसच्छीर्षायै नम:
३९. ॐ ह्रीं जलगाख्यमहाकचायै नम:
४०. ॐ ह्रीं मायागतसुलावण्यायै नम:
४१. ॐ ह्रीं रूपगाख्यसुरूपिण्यै नम:
४२. ॐ ह्रीं आकाशगतसौंदर्यायै नम:
४३. ॐ ह्रीं श्रीकलापि-सुवाहनायै नम:
४४. ॐ ह्रीं निश्चयव्यवहारदृड्.नूपुरायै नम:
४५. ॐ ह्रीं बोधमेखलायै नम:
४६. ॐ ह्रीं सम्यव्âचारित्रशीलहारायै नम:
४७. ॐ ह्रीं महोज्ज्वलायै नम:
४८. ॐ ह्रीं नैगमामोघकेयूरायै नम:
४९. ॐ ह्रीं संग्रहानघचोलकायै नम:
५०. ॐ ह्रीं व्यवहारोद्घकटकायै नम:
५१. ॐ ह्रीं ऋजुसूत्रसुकंकणायै नम:
५२. ॐ ह्रीं शब्दोज्ज्वलमहापाशायै नम:
५३. ॐ ह्रीं समभिरुढ़महांकुशायै नम:
५४. ॐ ह्रीं एवंभूतसन्मुद्रायै नम:
५५. ॐ ह्रीं दशधर्ममहाम्बरायै नम:
५६. ॐ ह्रीं जपमालालसद्हस्तायै नम:
५७. ॐ ह्रीं पुस्तकांकितसत्करायै नम:
५८. ॐ ह्रीं नयप्रमाणताटंकायै नम:
५९. ॐ ह्रीं प्रमाणद्वयकर्णिकायै नम:
६०. ॐ ह्रीं केवलज्ञानमुकुटायै नम:
६१. ॐ ह्रीं शुक्लध्यानविशेषकायै नम:
६२. ॐ ह्रीं स्यात्कारप्राणजीवन्त्यै नम:
६३. ॐ ह्रीं चिदुपादेयभाषिण्यै नम:
६४. ॐ ह्रीं अनेकांतात्मकानंदपद्मासन-निवासिन्यै नम:
६५. ॐ ह्रीं सप्तभंगीसितच्छत्रायै नम:
६६. ॐ ह्रीं नयषट्कप्रदीपिकायै नम:
६७. ॐ ह्रीं द्रव्यार्थिकनयानूनपर्याया-र्थिकचामरायै नम:
६८. ॐ ह्रीं वैâवल्यकामिन्यै नम:
६९. ॐ ह्रीं ज्योतिर्मय्यै नम:
७०. ॐ ह्रीं वाड्.मयरूपिण्यै नम:
७१. ॐ ह्रीं पूर्वापराविरुद्धायै नम:
७२. ॐ ह्रीं गवे नम:
७३. ॐ ह्रीं श्रुत्यै नम:
७४. ॐ ह्रीं देवाधिदेवतायै नम:
७५. ॐ ह्रीं त्रिलोकमंगलायै नम:
७६. ॐ ह्रीं भव्यशरण्यायै नम:
७७. ॐ ह्रीं सर्ववंदितायै नम:
७८. ॐ ह्रीं बोधमूर्तये नम:
७९. ॐ ह्रीं शब्दमूर्तये नम:
८०. ॐ ह्रीं चिदानन्दैकरूपिण्यै नम:
८१. ॐ ह्रीं शारदायै नम:
८२. ॐ ह्रीं वरदायै नम:
८३. ॐ ह्रीं नित्यायै नम:
८४. ॐ ह्रीं भुक्तिमुक्तिफलप्रदायै नम:
८५. ॐ ह्रीं वागीश्वर्यै नम:
८६. ॐ ह्रीं विश्वरूपायै नम:
८७. ॐ ह्रीं शब्दब्रह्म-स्वरूपिण्यै नम:
८८. ॐ ह्रीं शुभंकर्यै नम:
८९. ॐ ह्रीं हितंकर्यै नम:
९०. ॐ ह्रीं श्रीकर्यै नम:
९१. ॐ ह्रीं शंकर्यै नम:
९२. ॐ ह्रीं सत्यै नम:
९३. ॐ ह्रीं सर्वपापक्षयंकर्यै नम:
९४. ॐ ह्रीं शिवंकर्यै नम:
९५. ॐ ह्रीं महेश्वर्यै नम:
९६. ॐ ह्रीं विद्यायै नम:
९७. ॐ ह्रीं दिव्यध्वन्ये नम:
९८. ॐ ह्रीं मात्रे नम:
९९. ॐ ह्रीं विद्वदाल्हाददायिन्यै नम:
१००.ॐ ह्रीं कलायै नम:
१०१.ॐ ह्रीं भगवत्यै नम:
१०२.ॐ ह्रीं दीप्तायै नम:
१०३.ॐ ह्रीं सर्वशोकप्रणाशिन्यै नम:
१०४.ॐ ह्रीं महर्षिधारिण्यै नम:
१०५.ॐ ह्रीं पूतायै नम:
१०६.ॐ ह्रीं गणाधीशावतारितायै नम:
१०७.ॐ ह्रीं ब्रह्मलोकस्थिरावासायै नम:
१०८.ॐ ह्रीं द्वादशाम्नाय देवतायै नम:।
इदमष्टोत्तरशतं, भारत्या: प्रतिवासरं।
य: प्रकीर्तयते भक्त्या, स वै वेदांतगो भवेत् ।।१।।
कवित्वं गमकत्वं च , वादितां वाग्मितामपि।
समाप्नुयादिदं स्तोत्र-मधीयानो निरंतरंं।।२।।
आयुष्यं च यशस्यं च, स्तोत्रमेतदनुस्मरन् ।
श्रुतकेवलितां लब्ध्वा, सूरिर्ब्रह्म भजेत्परं।।३।।