सर्दियों में भी जोड़ रहे बेजोड़
आर्थराइटिस एक आम समस्या है जिसके कारण मरीजों के जोड़ों में दर्द और अकडन की शिकायत रहती है। आर्थराइटिस और इसके कारण जोड़ो में दर्द किसी भी उम्र के लोगों में हो सकता है भाग दौड़ भरी जिंदगी और बदलती जीवन शैली के कारण आर्थराइटिस की बीमारी लोगों में तेजी से बड़ रही है। अगर हम अपनी ओपीडी में आये हुए मरीजों के डेटा का विश्लेषण करूँ तो लगभग हर के तीसरा मरीज जॉइंट पेन या आर्थराइटिस से परेशान मिलता है। यू तो आर्थराइटिस अनेकों प्रकार की होती है परन्तु ओस्टीओआर्थिटिस, रियुमेटोइड आर्थराइटिस और यूरिक एसिड के कारण गाउटी आर्थराइटिस प्रमुख है। इसलिए उपयुक्त और प्रभावी इलाज के लिए गठिया के प्रकार और कारण का पता लगाना आवश्यक हो जाता है अगर सही समय पर पहचान कर इलाज शुरू हो जाये तो गठिया को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है और सामान्य जीवन जिया जा सकता है। ऑस्टियोर्थिटिस सबसे ज्यादा कामन है और यह उम्र बढ़ने के साथ बढ़ती है जिसे किसी भी तरह से रोका नहीं जा सकता है लेकिन कुछ सावधानियाँ रखने से गंभीर लक्षणों और उससे उत्पन्न होने वाले दर्द एवं परेशानियों से बचा जा सकता है।
ठंड का मौसम शुरू होते ही ओपीडी में गठिया के मरीजो की संख्या बढ़नी शुरू हो जाती है क्योंकि ठंड के दिनों में गठिया अक्सर ज्यादा तकलीफ देती है ओर पीड़ित मरीजो की हालत खराब कर देती है जिससे उनकी दिनचर्या में भी मुश्किलआतीहै |बुजुर्गो और उम्र दराज लोगों के लिए सर्दी का मौसम कुछ ज्यादा ही कष्टकारी होता है। यैसा माना जाता है की ठंड के मौसम में मांस पेशियाँ सख्त हो जाती है और ऐंठन शुरू हो जाती है और जोड़ों में खून की गति भी धीमी हो जाती है जिसके कारण जोड़ जकड़ जाते है और दर्द करने लगते है।
मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ के अस्थि रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ धर्मेन्द्र सिंह के अनुसार जोड़ो की सेहत के लिए दवाओं से महत्वपूर्ण सर्दियों में उनका रख रखाव है। इसके लिए जोड़ो के कुछ नियमित व्यायाम करे, बहुत ज्यादा देर तक एक ही स्थिति में न बैठे तथा उकुडू और पालथी न बैठें। अपने वजन को नियंत्रित करे। स्वास्थ्यवर्द्धक भोजन का इस्तेमाल करे। अपने जोड़ों को गर्म रखने के लिए कई परत में कपड़े पहनें। जोड़ों का प्रत्यारोपण होने पर भी सर्दियों में जकड़न से बचने के लिये नियमित व्यायाम आवश्यक है।
ठंड का मौसम शुरू होते ही ओपीडी में गठिया के मरीजो की संख्या बढ़नी शुरू हो जाती है क्योंकि ठंड के दिनों में गठिया अक्सर ज्यादा तकलीफ
डॉ. धर्मेन्द्र सिंह
ReplyForward |