सर्दियों में त्वचा का रूखापन बढ़ने से त्वचा संबंधी कई समस्याएं बढ़ जाती हैं जैसे त्वचा में खिंचाव, खुजली, जलन, बालों में डेंड्रफ, हाथों पैरों की उंगलियों में सूजन, एड़ियों का फटना, होठों का फटना आदि। सर्दियों में त्वचा विशेष देखभाल मांगती है अगर हम त्वचा का उचित ध्यान नहीं रखेंगे तो त्वचा संबंधी समस्याएं हमें घेर सकती हैं। सर्दियों में तापमान कम होने से खून की नसे संकरी हो जाती है। इससे शरीर के कुछ भागों में खून का दौरा कम हो जाता है। परिणाम स्वरूप जोड़ों में अकड़न बढ़ जाती है और दर्द भी। कभी कभी जोड़ों पर सूजन आने से उनकी मूवमेंट बहुत कम हो जाती है। विशेषकर बुजुर्गों में प्रात: के समय जोड़ों में कड़ापन अधिक रहता है।
कैसे पाया जाए काबू:— शरीर के जिस भाग में दिक्कत हो, उस भाग को उचित रूप से ढक कर रखें ताकि वह गर्म रहे। गुनगुने पानी में स्नान करें। जिस स्थान पर दर्द हो, उस पर सिकाई करें, नहाने के बाद और रात्रि में सोने से पूर्व । नहाते समय थोड़ा ऊंचाई से गर्म पानी जोड़ों पर डालें, या गर्म पानी में तौलिया भिगोकर निचोड़कर ५-१० मिनट के लिए रखें। घुटने में दर्द हो तो काम करते समय और वाक लेते समय नीकैप पहनें।नीकैप का प्रयोग ३ से ४ घंटे तक ही करें। अधिक देर तक इन्हें पहनने से मांसपेशियां कमजोर पड़ सकती है। नैक कॉलर का प्रयोग भी गर्दन में एक से दो घंटे तक ही करें । थोड़ा आराम मिलने पर गर्दन के व्यायाम करें। सर्दियों में धूप का सेवन अवश्य करें। कम से कम २० मिनट तक धूप में बैठें। १० से १२ बजे की धूप अच्छी गर्म होती है। इसी प्रकार शाम को ३ से ५ बजे तक बैठ सकते हैं, चेहरा धूप की ओर न रखें । शाम की धूप में अल्ट्रावायलेट किरणों का प्रभाव कम होता है। जिन जोड़ों में दर्द हो, उन जोड़ों पर गुनगुने तेल से रोजाना मालिश करें। टीवी देखते समय, धूप पर बैठे हुए, कुर्सी पर आराम करते समय हाथों , पैरों,कंधों, गर्दन की सूक्ष्म क्रियाएं करते रहें ताकि जोड़ सक्रिय रहें।
परामर्श:— कोई भी दवा अपनी मर्जी से न खाएं, न ही कोई व्यायाम अपनी मर्जी से करें। डाक्टरी परामर्श अनुसार चलें। गर्म सिंकाई करें और हल्के हाथों से मालिश करें।
त्वचा संबंधी समस्या और लक्षण:— त्वचा में खुजली होना, त्वचा में खिंचाव होना, जलन होना, सूजन होना आदि।
कैसे पाएं काबू:—गुनगुने पानी से प्रतिदिन स्नान करें । अच्छे से शरीर पोंछकर, नमी युक्त क्रीम या जैल लगाएं। सिर धोने से पूर्व एक घंटा पहले गुनगुने तेल से हाथों की उंगलियों की पोरों से मालिश करें। नहाते समय क्रीम बेस्ड साबुन या बॉडी वाश का प्रयोग करें। चेहरे पर हल्के फेस वाश का प्रयोग करें। नहाने से पूर्व हो सके तो शरीर पर तेल मालिश करें। दिन भर में ८ से १० गिलास पानी पिएं। ड्राईफूट, खजूर, फिश, प्रॉन्स का सेवन कम करें क्योंकि इनके सेवन से शरीर में गर्मी हो सकती है। ठंडी हवाओं से बचें। ऊनी कपड़ों के नीचे काटन के इनर अवश्य पहनें। रात्रि में सोने से पूर्व होठों पर लिपबाम या बादाम का तेल लगाएं ताकि होंठ खुश्क न हों। अधिक मिर्च मसालों के भोजन से बचें और कैफीन युक्त पेयों का सेवन भी कम से कम करें। बालों पर नारियल तेल में नींबू का रस मिलाकर लगाने से डैंड्रफ दूर होती है। डैंड्रफ दूर करने वाले शैम्पू का प्रयोग करें। नीम की पत्तियों या मेथीदाने का पेस्ट बना कर बालों पर लगाएं।