(१) कब्ज से निजात पाने के लिए काले तिल में गुड़ मिलाकर सुबह शाम २५—२५ ग्राम सेवन करें।
(२) यदि गठिया का दर्द सताए तो १५० ग्राम काले तिल में १० ग्राम सौंठ, २५ ग्राम अखरोट की गिरी तथा १०० ग्राम गुड़ मिलाकर रख लें। सुबह शाम २०—२० ग्राम सेवन करें।
(३) यदि बच्चा बिस्तर गीला करता हो तो काले तिल से बने लडडू खिलाना चाहिए।
(४) मस्तिष्क के लिए लाजवाब है। इसमें लैसीथिन नामक पदार्थ होता है जो कि मस्तिष्क के लिए आवश्यक है । तिल का सेवन मस्तिष्क और स्नायुतंत्र के लिए बहुत लाभकारी है।
(५) शारीरिक कमजोरी महसूस होने पर ५०—५० ग्राम काला तिल और दालचीनी मिलाकर चूर्ण बना लें तथा एक—एक चम्मच सुबह शाम दूध से सेवन करें।
(६) हड्डियों से जुड़ी तमाम बीमारियों में तिल का सेवन हितकारी है, क्योंकि इसमें प्रचुर मात्रा में वैल्शियम फॉसफोरस होता है।
(७) तिल का सेवन उच्च रक्तचाप तथा कोलेस्ट्रॉल में लाभदायक है।
(८) तिल का सेवन रक्त नलिकाआें को मजबूती तथा लचीलापन भी प्रदान करता है।
(९) अस्थमा के रोगियों के लिए तो यह विशेष लाभदायक है और उन्हें दौरे से राहत दिलाती है।
(१०) यदि माइग्रेन की शिकायत हो तो नियमित रूप से तिल का सेवन करना चाहिए।
सर्दीयों में बड़े फायदेमंद हैं तेल
सर्दियों में तेल से नियमित मसाज त्वचा एवं बालों से जुड़ी समस्याओं को खत्म कर निखारने एवं संवारने का काम करता हैं।
जैतून का तेल
सर्दियों में जैतून का तेल एक अच्छे प्राकृतिक माइश्चराइजर का काम करता है। घुटनों व कोहनी पर इससे नियमित मालिश रूखापन की समस्या खत्म करती है । पलकों पर लगाने से पलके घनी होती हैं। सर्दियों में एक अच्छे माइश्चराइजर का काम करता है।
नारियल का तेल
सर्दियों में नारियल का तेल केसर के साथ मिलाकर मसाज करें। बालों एवं त्वचा का रूखापन दूर करता है । पिंपल्स पर नारियल के तेल में जरा सा कपूर मिला कर लगाने से राहत मिलती है।
तिल का तेल
बालों की नियमित मॉलिश करने से बाल मजबूत होते हैं। तिल का तेल एक प्राकृतिक सनस्क्रीन का काम करता है त्वचा में जख्म या कटे होने पर तिल का तेल ठीक करने में मदद करता है । त्वचा की टैनिंग कम करने में मदद करता है।