कार्तिक सुदी अष्टमी से लगातार आठ दिन उपवास किये जाते हैं तथा कार्तिक सुदी सप्तमी का एकाशन कर मार्गशीर्ष वदी प्रतिपदा को पुन: एकाशन करने का विधान है। इस व्रत में लगातार आठ दिन तक उपवास करना चाहिए। व्रत के दिनों में ‘श्रीसिद्धाय नम:’ मंत्र का जाप किया जाता है।