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अयोध्या
‘साँच को आँच नहीं’!
June 17, 2020
भजन
jambudweep
साँच को आँच नहीं’
भगवान महावीर ने कहा था मेरी प्यारी संतानों मेरे जाने के बाद विवाद में मत पड़ना।
तीर्थस्थान, मंदिर, मूर्तियों को लेकर आपस में कभी न झगड़ना।
पर तुमने एक न सुनी, मेरी जन्मस्थली पर वाद-विवाद कर रहे हो,
कुण्डलपुर या वैशाली को जन्मभूमि मानकर, एक-दूसरे पर जहर उगल रहे हो।
मैं तो अंतर्यामी केवलज्ञानी हूँ, हमारी बात मानो, इतिहास को मत झुठलाओ,
सारे साक्ष्य, कथानक, पुरातत्व, पूजाएं, कुण्डलपुर (नालंदा) के पक्षधर हैं।
वर्धमान वैशाली के राजकुमार हैं यह कपोलकल्पित कल्पना मात्र है,
अतार्विक मनगढ़न्त और असंभव है।
संपूर्ण जैन समाज की श्रद्धाभक्ति भावना और परम्परानुसार महावीर की जन्मभूमि कुण्डलपुर ही है।
परमपूज्य गणिनी ज्ञानमती माताजी द्वारा निरपेक्ष भाव से कुण्डलपुर (नालंदा) में भगवान महावीर
की जन्मभूमि को जीवंत करने के लिए जीर्णोद्धार और नव निर्माण कार्य किया जा रहा है अति प्रशंसनीय है।
जितनी लगन, निष्ठा, श्रम, साधना और समर्पित भाव से ये इस कार्य में संलग्न हैं,
उसका कोई विकल्प नहीं है। जो वे जैसा कार्य कर रही हैं, किसी और के वश की बात नहीं।
समाज के प्रबुद्ध जन एवं समस्त श्रद्धालुओं की यही भावना है कि जो सत्य है, उसे स्वीकार करो।
भगवान महावीर की जन्मभूमि कुण्डलपुर (नालंदा) है इसे आत्मसात करो
और जनम चैत सित तेरस के दिन कुण्डलपुर कन वरना इन पंक्तियों से प्रेरणा लेकर समस्त विवाद समाप्त करो।
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