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सांतर बंधी प्रकृति – Saantara Bandhee Prakrti.
A karmic nature with having property of its anhihilation (to put out of existence of one Gati for another).
जिस कर्म प्रकृति का काल के क्षय से बन्ध व्युच्छेद संभव है वह सांतरबंधी प्रकृति है। अर्थात् जहां किसी समय देवगति का बंध हो और किसी समय अन्य गति का बंध हो वह सांतरबंधी प्रकृति है।