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सातिशय केवली – Saatisaya Kevale.
A type of omniscient one.
तीर्थकर प्रकृति रहित, 25 अतिशयो (केवलज्ञान, 14 देवकृत, 1 वज्रवृषभनाराच संहन), 4 प्रातिहार्य (छत्र, सिंहासन, भामंडल, दिव्यध्वनि), गन्धकुटी व अनन्त चतुष्टष् सहित सातिशय केवली होते है। अर्थात् अतिशय युक्त केवली को सातिशय केवली कहते है।