साधु-जो अट्ठाईस मूलगुणों का पालन करते हैं, सदा रत्नत्रय के साधन हेतु ध्यान और अध्ययन में लगे रहते हैं, वे साधु परमेष्ठी कहलाते हैं। आचार्य, उपाध्याय और साधु ये तीनों ही दिगम्बर वेषधारी मुनि होते हैं। [[श्रेणी:शब्दकोष]]