An eulogical hymn to be pronounced before Chaitya Bhakti etc. in Samayik.
सचायिक का एक कृतिकर्म सामायिक करने के चैत्यभक्ति एवं पंचगुरू की भक्त की प्रतिज्ञाा के पश्चात खडे़ होकर मुक्ताषुक्ति मुद्रा (दोनों हाथों को चिपकाकर हाथ जोडना) के साथ ण्मोंकार मंत्र एवं चत्तारि मंगल पाठ पढ़कर ’’अड्ढाइज्ज दीवदोषमुद्देषु……..“ इत्यादि जो पाठ पढ़ा जाता है वह सामायिक दडंक कहा जाता है।