An auspicious activity, right sovereignty.
53 क्रियाओं में47 वीं क्रिया- शिष्टो का पालन व दुष्टों का निग्रह करने का तथा प्रेम व न्याय पूर्वक राज्य करने का उपदेष अपने आधीन राजाओं को देकर सुख पूर्वक राज्य करना। कत्रीन्वयादि 7 क्रियाओं में 5 वीं क्रिया -चक्रवर्ती का वैभव व राज्य की प्राप्ति अथवा सप्त परमस्थानों में पाॅंचवाॅं परमस्थान साम्राज्य पद है।