State of salvation free from birth-death cycle and all passions.
जहां पर जन्म, जरा, मरण, भय, संयोग, वियोग, दुख, संबा और रोगादि नहीं होते है वह सिद्धगति कहलाती है। उसे उपराज से पंचमगति भी कहा गया है जो कभी नष्ट नहीं होती ।