A great auspicious specific methodical worshipping of Lord Siddha composed by Pandit Santlal & Ganini Shri Gyanmati Mataji.
सिद्धों के गुणों का वर्णन करने वाला एक पूजा विधान जिसे करके मैना सुंदरी ने अपने पति श्रीपाल का कुष्ट रोग दूर किया था, पंडित संतलाल (ई0ष0 17-18) द्वारा भाषा छन्दों में रचित विधान । गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी द्वारा भी ई0 स0 1992 में सिद्धचक्र विधान की रचना की गई है।