यमक और मेघगिरी से आगे ५०० योजन जाकर पाँच द्रह हैं इनमें प्रत्येक के बीच ५०० योजन का अंतराल है। ये प्रत्येक द्रह १००० योजन प्रमाण उत्तर दक्षिण, लंबे ५०० योजन चौड़े और १० योजन गहरे हैं। इन पाँच सरोवरों के नाम क्रम से निषध, देवकुरु, सर, सुलस और विद्युत् हैं। इन पाँचों सरोवरों के बहुमध्य भाग में से सीतोदा नदी चली जाती है। द्रहों के मध्य में कमल पुष्पों के दिव्य भवनों में अपने-अपने द्रह के नाम वाले नागकुमार देवों के आवास हैं। इन द्रहों में प्रत्येक में एक लाख चालीस हजार एक सौ सोलह कमल हैं उन सभी कमलों पर नागकुमार देव एवं उनके परिवार देव निवास करते हैं सभी कमल भवनों में एक-एक अकृत्रिम जिन मंदिर हैंं।