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सुनो इक पुण्यकथा सुन लो!
June 13, 2020
भजन
jambudweep
सुनो इक पुण्यकथा सुन लो
तर्ज-चलो सम्मेदशिखर चालो……..
सुनो इक पुण्यकथा सुन लो, पंचअणुव्रत की कथा सुन लो,
अणुव्रत का अतिशय लख तुम अणुव्रत धारण कर लो।।सुनो.।।टेक.।।
इक श्रावक ने गुरु से पंचअणुव्रत ग्रहण किया।
सत्य अहिंंसा अरु अचौर्य, ब्रह्मचर्य का नियम लिया।।
परिग्रह का प्रमाण सुन लो, पाँच पाप स्थूल त्याग का, चमत्कार सुन लो।।सुनो..।।१।।
परिग्रह सीमा बढ़ी तो श्रावक, मुनिसंघ में आए।
वे पूनमचंद घासीलाल जी, श्रेष्ठी कहलाए।।
गुरुभक्ती की कथा सुन लो, श्री सम्मेदशिखर यात्रा का, भाव बना सुन लो।।सुनो..।।२।।
श्री आचार्य शांतिसागर का, संघ चला आगे।
संघभक्त वे श्रावक भी चले, यात्रा करवाने।।
यही इतिहास सभी सुन लो, उत्तर भारत में मुनिसंघ विहार कथा सुन लो।।सुनो..।।३।।
यह सम्मेदशिखर की यात्रा, बनी चमत्कारी।
प्रथम पंचकल्याण महोत्सव, हुआ वहाँ भारी।।
गुरु उपकार कथा सुन लो, परतंत्र के युग में स्वतंत्र मुनि संघ कथा सुन लो।।सुनो..।।४।।
राजाखेड़ा में प्राणांतक, हमला हुआ संघ पर।
फिर भी अभयदान दे सबको, क्षमा धरी उन पर।।
गुरु की महिमा तुम सुन लो, संकट अरु उपसर्ग सहन की, शक्ति प्रगट कर लो।।सुनो..।।५।।
संघपती जौहरी श्री मोतीलाल ने दीक्षा ली।
जिनमंदिर बनवा गेंदनमल, ने भी दीक्षा ली।।
यही संस्कार कथा सुन लो, ऐसे गुरु के चरण ‘‘चन्दनामती’’ सदा नम लो।।सुनो..।।६।।
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