बलभद्दणामवूडो ईसाणदिसाए णंदणवणम्मि।
तस्सुच्छेहप्पहुदी सरिसा सोमणसवूडेणं१।।१९९७।।
जिणमंदिरवूडाणं वावीपासाददेवदाणं च।
णामाइं विण्णासो सोहम्मीसाणदिसविभागो य।।१९९८।।
इयपहुदि णंदणवणे सोमणसवणं व होदि णिस्सेसं।
णवरि विसेसो एक्को वासप्पमुहाणि दुगुणािंण।।१९९९।।
नन्दनवन के भीतर ईशानदिशा में बलभद्र नामक कूट है। इस कूट की ऊँचाई आदि सौमनस सम्बन्धी कूट के सदृश है।।१९९७।।
जिनमन्दिर, कूट, वापी, प्रासाद व देवताओं के नाम, विन्यास और सौधर्म व ईशानेन्द्र की दिशाओं का विभाग, इत्यादिक सब नन्दनवन में सौमनस वन के ही समान है।
विशेषता केवल एक यह है कि उनके विस्तारादिक दुगुणे हैं।।१९९८-१९९९।।