होत कहे अमरीका सभी अरू भारत में उपजें बहु आशाान ठंड मिले ,
यह स्वर्ग दिया फल सूर्ख व पील हरा हर भाँती।।
भारत में यह होत सखे निज क्षेत्र रहे—आति शीत सी माटी।
नीलगिरी कश्मीर कुमाऊ कुलू बंगलौर तथा विद्यनारी।।
ऐब रखे निज कारब हाइड, लोह तथा कलशीयम भारी।
फासुफ प्रोटिन, सी विट, ऐसिड एसिटिक मौलिका ऐसिड कारी।।
मौग्जिन, जिन्क, फोलिक ऐसिड, टार्टिक ऐसिड होत करारी।
नीर रहे परसेन्ट सबे चवरासिव, पेक्टिन का भनडारी।।
बाल तथा नख सुंदर हो क्षय फुफ्फुस रोग रहे गुणकारी।
रोग दमा भागता इससे जब जूस पिये यह वैद पुकारी।।
पाचन ठीक करे, यह शक्ति बढ़ावत, दूर करे कमजोरी।
सहित का , प्रयाय सखे यह सेब बड़ा कहते हितकारी।।
पेक्टिन होत सखे छिलका निज में — विन भाय शरीर निखारे।
रोज खिला इक सेब, सुधारत पाचन को गुण सेब हजारे।।
हेमुगुलोबिन स्तर बढ़े डर—कैंसर को तन देत झिकोरें।
स्मरण शक्ति बढ़े मन चुस्त रहें सब वैद, सुज्ञान सुचारे।।
सेब मिले दुइ भांति सखें इक खट्ट व दूज सखे बहुत मीठा।
खट्ट मुरब्बा बना निजखात सभी अरू भोजन पाचत मीठा।।
सेब बराबर खात जु डाक्टर वैद नहीं सुन पास दिखाता।
वैद हकीम कहे सुन लो यह राय रहा अनमोल सुझाता।।
प्यास बुझे टुकड़ा मुख में रखते इसको यह वैद इशारे।
लोन मिला यदि सेब खिला तब कै रूकती सुख चैन जुहारे।।
कच्चा खिला यदि सेब, करे यह कब्ज हरे तब दस्त पुकारे।
काँस मिटे निज खुश्क खिला, रस सेब पिला मिलि खाण्ड जुहारे।
कष्ट करे यह दूर सभी जब खाय जु सेब मुखे निज बासी।
खदृब सेब करे उपकार जो हृदय रोग रहे तन झाँकी।।
स्कर्वी का रोग हटे अरू सुन्दरता दिखती बन दान्तन बासी।
भूख बढ़े गुन लो यदि खाय कभी जब भाय इसे मुख।।
जूस पिला तब कष्ट मिटे निज पेट सभी बहुते उपकारी।
अर्क से पेट व मेदा के कीट मिटे कहते सब वैद सुखारी।।
पथरि रोग मिटे इससे यह उत्तम योग बड़ा उपकारी।
अंग सभी तन, भाय दिमाग व हड्डि बने मजबूत करारी।।
मीठा मिले यदि सेब सखे—विष दूर भगे निज वीछ के मारे।
सेब के पात पिला यदि औंट— हरे विष वैद कहे सब प्यारे।।
लो रस सेब मिला निज काफुर, पीयत दूर हटे विष हारे।
देत मिले यदि लाभ नहीं पुनि बार पिला—यह योग सुधारे।।
सेब समेत खिला छिलका तन वापस आवत याद बताता।
रोज खिला इस हेतु सदा इक दो निज सेब कहे सुख दाता।।
रोग लगा नजला जिनको यह देत नवीन पुरान मिटाता।
शीश करे यदि दर्द महा तब सेब खिला, यह दूर भगाता।।
मीठ पका जब सेब लगा दुख जती तब आंख का दर्द पछारे
आदत छोड—अफीम शराब भगे, निशि नींद सुसुन्दर धारे।।
शक्ति बढ़े दिल भाप दिमाग को ताकत सेब अचार सवारे।
पेट के कीड़े व स्वपन दोष मिटे अरू दर्द मसान गुहारे।।
सेब खिला नित दूध पिला तब सीहत हो निज रोगिव बाला।
दो इक माह खिला यह योग कहे सब ही यह उत्तम आला।।
सेब करे गुन पाचन ठीक, करे यह पेट में पेपसिन स्त्रोत इजाफा।
वैद्य हकीम सभी कहते इससे हटता हर कष्ट कुकाला।।
चांदी लपेट खिला यदि वर्क सखे तब बाढ़ दिमाग दिखाये।
स्वस्थ रहे तर तेज बड़ा गुणवान रहे हित सेब खिलाये।।
प्रात: खिला नुकरा यदि अर्क लपेट मुरब्बा तक लाभ दिखाये।
उत्तम होत दिमाग सखे तर जाता करे बहुतै बतलाये।।
खाल के रोग भगे— घट कोलेस्ट्राल चले तन सुन्दर प्यारे।
लोन रहे जब बन्द कभी तब ‘रक्तकुचाप’ को सेब सुधारे।।
‘हाई बिलेड़ प्रेशर और पथरी निज लाभ करे गिन सेब इशारे।
डायबिटीज को रोकत है। गुलुकोज शरीर समान उतारे ।।
सेब बड़ा गुणवान विटामिन से भरपूर पोलिट ‘ई’ बहु धेरे।
हो विटा—सी, विट—बी वन, विट श्री, बायटिना, विट—ऐ’ रे।।
भोजन भी यह रोगिव का उपचार करे यह दान्त सुधारे।
तौल घटे निज जूस पिले, नहि हीन दिखे तन मोट दिखारे।।
चाय बना छिलका निज सेब सखे, बढ़ि के कहुवा उरू काँफी।
हो मधु नीबू मिली तब उत्तम चाय रहे निज सुन्दर काफी।।
‘पेचिश और गठिया तप—मोहीका’ सब चाय पिये मिट जाती।
वैद हसीब कहे गुण तो यह बात नहीं कुछ है उलट वासी।।