आयोडीन के नाम पर हम जो नमक खाते हैं उसमें कोई तत्त्व नहीं होता। आयोडीन और प्रफ्लो नमक बनाते समय नमक में से सारे तत्व निकाल लिए जाते हैं। उनकी बिक्री अलग से करके बाजार में सिर्फ सोडियम वाला नमक ही उपलब्ध होता है और वह आयोडीन की कमी के नाम पर पूरे देश में बेचा जाता है। जबकि आयोडीन की कमी सिर्फ पर्वतीय इलाकों में ही पाई जाती है। इसलिए आयोडीन युक्त नमक सिर्फ उन्हीं इलाकों के लिए जरूरी है। समुद्र के पानी और धूप की गर्मी से वाष्पित होकर बनने वाले नमक में सोडियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, पोटेशियम जैसे तत्व मिले रहते हैं। यह तत्व वर्षा के पानी के द्वारा जमीन की मिट्टी से मिलते हुए समुद्र में मिलते हैं और यही नमक में आते हैं। इसलिए खड़ा नमक ज्यादा अच्छा है। लेकिन सोडियम की मात्रा ज्यादा होने के कारण वह शरीर में नुकसान भी करता है। इसकी तुलना में सेंधे नमक में सोडियम की मात्रा कम होती है और मैग्नीशियम, कैल्शियम, पोटेशियम आदि का अनुपात सन्तुलित होता है इसलिए यह नमक हल्का, सुपाच्य और शरीर के लिए लाभदायक होता है। हम रोजाना जो सब्जियाँ या दालें खाते हैं उनमें आजकल भरपूर मात्रा में DA, REA के रूप में रासायनिक खाद, कीटनाशक डाले जाते हैं। जिसके कारण यह विष हमारे शरीर में जाते हैं। एक अनुमान के अनुसार हम साल भर में लगभग ७० ग्राम विष खा लेते हैं। सेंधा नमक जहर को कम करता है और थाइराइड, लकवा, मिर्गी आदि बीमारियों को रोकता है। अपने आसपास के किराने वालों से सेंधा नमक लें।