ल्यूकोरिया (प्रदर) लक्षण — योनि से श्वेत व हल्का पीला स्राव निरन्तर होता है। योनि में खुजली और जलन होना, कमर दर्द, चक्कर भोजन में अरूचि, मासिक धर्म में गड़बड़ी, पिंडलियों में दर्द, शारीरिक कमजोरी और चिड़चिड़ापन इत्यादि लक्षण दिखाई देते हैं।
उपचार — प्रात:काल एक पके केले में एक चम्मच देशी घी और एक चम्मच बूरा मिलाकर सेवन करने से बीमारी ठीक होती है।
उपचार— ३ ग्राम असली नाग केसर चूर्ण गाय के घी में मिलाकर नित्य दो बार (सुबह—शाम) मासिक धर्म के बाद निरन्तर दस दिन सेवन करें। बांझपन दूर होकर गर्भ धारण में उपयोगी सिद्ध होगा।
लक्षण— अंड कोष में सूजन का आना, फूलना, अत्यधिक पीड़ा, हल्का ज्वर, मूत्र में जलन, कभी—कभी उल्टी, मिचली इत्यादि लक्षण होते हैं। उपचार:— एक चम्मच भेड़ के दूध में एरण्ड की गिरि घिस कर लेप बनायें । इसे रात को सोने से पूर्व अंड कोषों पर लेप करें। दो दिन में ठीक हो जायेंगे।
उपचार— ५०० ग्राम दूध में ८ ग्राम चिरौंजी, १० छोटी इलायची का चूर्ण और चुटकी भर केसर को मिलाकर सेवन करने से बीमारी ठीक हो जाती है। सिंघाड़े का आटा और दूध प्रमेह रोग दूर करने में रामबाण है।