संसारी जीव के दो भेद हैं-त्रस और स्थावर।
एकेन्द्रिय जीव को स्थावर जीव कहते हैं। इन जीवों के केवल शरीर रूप एक स्पर्शन इन्द्रिय ही होती है।
स्थावर जीव के पाँच भेद हैं– पृथ्वीकायिक, जलकायिक, अग्निकायिक, वायुकायिक और वनस्पतिकायिक।
पृथ्वीकायिक जीव अर्थात् पृथ्वी ही जिनका शरीर हो, जैसे मिट्टी, पाषाण, अभ्रक, सोना आदि। खान से निकलने वाली वस्तुएं पृथ्वीकायिक हैं परन्तु उत्पत्ति स्थान से अलग होने के बाद इनमें जीव नहीं पाया जाता।
जलकायिक जीव अर्थात् जल ही जिनका शरीर हो। जैसे-बर्फ़, ओला, ओस आदि।
अग्निकायिक जीव अर्थात् अग्नि की जिनका शरीर हो जैसे-दीपक की लौ, अग्नि, बिजली आदि।
वायुकायिक जीव अर्थात् वायु ही जिनका शरीर हो। जैसे-हवा, आंधी आदि।
वनस्पतिकायिक जीव अर्थात् वनस्पति ही जिनका शरीर हो। जैसे-वृक्ष, लता, फल-फूल आदि।