[[श्रेणी:शब्दकोष]]
स्वपर चारित्र – Svapara Caaritra.
Perfect and imperfect right conduct.निश्चय व्यवहार चारित्र। निज शुद्वात्मा के संवेदन मे अनुचरण करना अर्थात् समता भाव स्वचारित्र तथा शुद्वात्म रुप से रहित होकर रागभाव रुप परिणमन अर्थात् शुद्वोपयोग से विपरीत परद्रव्यो मे शुभ अषुभ रुप परचारित्र है।