जिस तरह छोटे और सही ढ़ंग से कटे बालों में पुरूष बेहद आकर्षक लगते हैं, उसी तरह से घने काले बालों की वजह से नारी की सुन्दरता और ज्यादा निखर उठती है। एक तरह से हम कह सकते हैं कि हमारे व्यक्तित्व निर्माण में बालों का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। हमारे बालों का निर्माण जिस प्रोटीन के द्वारा होता है उसका नाम ‘कैरोटीन’ है। कैरोटीन की उत्पत्ति खोपड़ी में होती है। हमारी खोपड़ी की सतह के नीचे फोलिकन नाम की जैली होती है। इसी जैली से बालों की जड़ों में जो कोशिकायें होती हैं वे सक्रिय होती हैं। इसी स्थान पर तैलीय ग्रन्थियां भी होती हैं जिनकी वजह से बालों में निखार और चमकीलापन आता है। बालों के नीचे वाली तीन परतों में जब किसी तरह की खराबी पैदा होती है, तब सिर के बाल झड़ने शुरू हो जाया करते हैं। इसके बाद धीरे—धीरे सिर गंजा होता चला जाता है हर रोज औसतन ५० से १०० बाल झड़ा करते हैं। जब ज्यादा मात्रा में तेजी से सिर के बाल झड़ने लगते हैं तो यह स्थिति सिर के बालों के विभिन्न रोगों की तरफ इशारा करती है। सिर के बालों के रोम कूपों की संरचना को तीन भागों में बांटा जा सकता है। कार्टेक्स का हिस्सा बालों को आकार, प्रकार, मात्रा और विस्तार देता है। इसी जगह पर बालों को काला, भूरा, लाल रंग देने वाला रंजकजन्य पिगमेंट होता है। उम्र बढ़ने के साथ—साथ इस पिगमेंट में भी कमी आने लगती है। जिसके बाद बाल सफेद होने शुरू हो जाया करते हैं। असमय बाल झड़ना व सफेद होना वंशानुगत भी हो सकता है क्योंकि बालों के झड़ने व सफेद होने वाले जीन्स खानदानी तौर पर विरासत में मिला करते हैं। इस तरह की वजह से जब बाल झड़ते हैं, गंजापन होता है या बाल सफेद होते हैं तो इस अवस्था में किसी भी प्रकार का सुधार लाना असम्भव होता है।
लक्षण:— सिर के थोड़े बहुत बाल तो लगातार झड़ते ही रहते हैं। पर अगर बाल गुच्छों के रूप में झड़ने लगे तो बालों के प्रति पूरी तरह से सजग हो जाना चाहिए।
कारण :— आहार में प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन—बी ५, विटामिन ए, ई, बी, सिलिकन, लोहा, आयोडीन, क्लोरीन, मैग्निशियम आदि तत्वों की कमी के वजह से सिर के बाल झड़ने लगते हैं। बालों को हेयर ड्रेसर से सीधा करवाने से, मशीनों के द्वारा घुंघराले करवाने से, बालों को रंगवाने से बालों को क्षति पहँुचती है। अव्यवस्थित हार्मोन के स्त्राव से, रजो निवृत्ति के समय एस्ट्रोजन और प्रोस्टरॉन में कमी से बालों का झड़ना व बालों के अन्य रोग हो जाते हैं। जड़ी बूटियों के द्वारा उपचार आम की गुठलियों के तेल को बालों में लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं तथा काले बाल जल्दी सफेद नहीं होते है। बाल झड़ना और रूसी की समस्याओं में भी इससे लाभ होता है। आहार : पत्तागोभी, पालक, खीरा, लौकी, गाजर, का सेवन करें। इन सब में सिलिकन, सिसोटिन, क्लोरिन, कैल्शियम सिस्टिन, लौहा, आयोडन नमक प्रोटीन होते है, जो बालों के उचित पोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नास्ते में सेव, पपीता, अमरूद, नाशपाती, केला, संतरा, मौसमी आदि लें। दही , सोयाबीन, नींबू, छाछ, आंवला का सेवन लाभ पहँुचाता है । चोकरदार मोटे आटे की रोटियां खायें। आंवला , नारियल, अदरक, धनिया, लहसुन को पीसकर चटनी का सेवन करें।
अपथ्य चटपटे व तले भुने खाद्यपदार्थ न खायें। चाय, कॉफी, चीनी आदि का सेवन कम करें। बेसन व मैदा से बने खाद्य पदार्थ न खायें। चॉकलेट , टॉफी न खायें। मिर्च का सेवन कम करें। बाजार के खाद्य पदार्थ न खायें।
आसन तथा व्यायाम — उंगलियों के तेज दबाव व सिर के खाल की मालिश करनी चाहिए। एक तरह से यह सिर के बालों की व्यायाम क्रिया है। बालों में सूखी या तेल की मालिश करना भी व्यायाम क्रिया ही है । ऐसा करने से बालों , की निष्क्रियता, शुष्कता और खराबी मिटती है। खून का दौरा होने से बालों का सही पोषण होता है। हलासन, शीर्षासन, सर्वांगासन व मत्स्यासन करने से सिर की ओर स्वाभाविक रूप से रक्त का दौरा तीव्र होता है, जिससे बालों को भरपूर पोषण मिलता है। और बाल झड़ने बन्द हो जाते हैं। इसके अलावा पश्चिमोत्तानासन, चक्की चालन आसन, जानुशीर्षासन , कूर्मासन, उतानपाद आसन, उष्ट्रासन, अर्घमत्स्येन्द्रासन चक्रासन, धनुरासन, पक्षी आसन, भुजंगासन व शलभासन, कपालभाति, अनुलोम—विलोम एवं दीर्घ श्वसन प्राणायाम और ध्यान का प्रयोग करना चाहिए। ऐसा करने से तनावजन्य बालों की बीमारियां तो मिटती ही है, साथ ही तन और मन भी शुद्ध होता है।