छुहारा और खजूर एक ही पेड़ की देन है। इन दिनों की तासीर गर्म होती है और ये दोनों शरीर को स्वस्थ रखने, मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। खजूर में छुहारे से ज्यादा पौष्टिकता होती है । खजूर मिलता भी सर्दी में ही है। अगर पाचन शक्ति अच्छी हो तो खजूर खाना ज्यादा फायदेमंद है। छुहारे का सेवन तो साल भर किया जा सकता है, क्योंकि यह सूखा फल बाजार में सालभर मिलता है। छुहारा यानि सूखा हुआ खजूर आमाशय को बल प्रदान करता है। छुहारे की तासीर गर्म होने से ठंड के दिनों में इसका सेवन नाड़ी के दर्द में भी आराम देता है। छुहारा खुश्क फलों में गिना जाता है, जिसके प्रयोग से शरीर हृष्ट-पुष्ट बनता है। शरीर को शक्ति देने के लिये मेवों के साथ छुहारे का प्रयोग खासतौर पर किया जाता है। छुहारे व खजूर दिल को शक्ति प्रदान करते हैं। यह शरीर में रक्त वृद्धि करते हैं। साइटिका रोग से पीड़ित लोगों को इससे विशेष लाभ होता है। खजूर के सेवन से दमे के रोगियों के फेफड़ों से बलगम आसानी से निकल जाता है। लकवा और सीने के दर्द की शिकायत को दूर करने में भी खजूर सहायता करता है। भूख बढ़ाने के लिये छुहारे का गुदा निकाल कर दूध में पकाएं, उसे थोड़ी देर पकने के बाद ठंडा करके पीस लें वह दूध बहुत पौष्टिक होता है।