मध्य और पश्चिम भारत के वनों में प्रचुरता से पाए जाने अडूसा को आदिवासी अनेक हर्बल नुस्खों के तौर पर अपनाते हैं। प्राचीन काल से अडूसा का उपयोग कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता रहा है और इस जिक्र आयुर्वेद में भी मिलता है। अडूसा का वानस्पतिक नाम अधाटोड़ा जियलेनिका है। चलिए, आज जानते है अडूसा से जुडे आदिवासियों के जोरदार नुस्खे के बारे में।
१.कफ को दूर करने के लिए अडूसा की पत्तियों के रस को शहद में मिलाकर दिया जाता है। कम से कम १६ पत्तियों को कुचल कर और इसमें दो चम्मच शहद मिलाकर रोगी को हर चार घंटे के अंतराल से दिया जाए तो खांसी में तेजी से आराम मिलता है। इसी नुस्खे से अस्थमा का इलाज भी होता है।
टी.बी. और जमी कफ को दूर करने के लिए
२.पातालकोट के आदिवासी टी.बी. के मरिजों को अडूसा की पत्तियों का काढ़ा बनाकर १०० मिली रोज पीने की सलाह देते हैं। करीब ५० ग्राम पत्तियों को २०० मिली पानी में डालकर उबालने के बाद जब यह आधा बचे, तो रोगी को देना चाहिए। इससे काफी आराम मिलता है।
३.अडूसा फेफड़ों में जमी कफ और गंदगी को बाहर निकालता है। इसी गुण के कारण इसे ब्रोकाइटिस के इलाज का रामबाण माना जाता है। बाजार में बिकनेवाली अधिकतर कफ की आयुवेर्दिक दवाइयों में अडूसा का प्रयोग किया जाता है।
४.दमा के रोगी यदि अनंतमूल की जघें और अडूसा के पत्तियों की समान मात्रा (३—३ ग्राम) लेकर दूध में उबालकर पिएं तो घयदा होता है। ऐसा कम से कम एक सप्ताह तक किया जाना जरूरी है।
५.अडूसा की पंक्तियों में कुछ ऐसे एलक्लॉइड होते हैं जिनके कारण कीड़ों और सूक्ष्मजीवियों का आक्रमण इस पौधे पर नहीं होता है। डांग के आदिवासी कान में होने वाले संक्रमण को ठीक करने के लिए अडूसा की पत्तियों को पीसकर तिल के तेल में उबालते है और इस मिश्रण को हल्का गुणगुना होने पर छानकर कुछ बूंदे कान में डालते हैं। इससे कान के दर्द में काफी राहत मिलती है।
दिल और सिर दर्द के लिये :
६.दिल के मरीजों को अडूसा की पत्तियों और अंगूर के फलों का रस मिलाकर पीना चाहिए। आदिवासियों के अनुसार, हृदय रोग में इस नुस्खे का इस्तेमाल बेहद कारगर होता है।
७.अडूसा के फलों को छाया में सुखाकर और महीन पीसकर १० ग्राम चूर्ण में थोड़ा गुड़ मिलाकर ४ खुराक बनाकर सिरदर्द होते ही एक खुराक खिला दिया जाए तो तुरंत लाभ होता है।
गले में दर्द और कुकुर खांसी के लिए
८.बच की जड़े ब्राह्मी की पत्तियां पिपली के फल, हर्रा के फल और अडूसा की पत्तियों की समान मात्रा को पीसकर इस मिश्रण को लेने से गले की समस्या में अतिशीघ्र आराम मिलता है।
९. लंबे समय से चली आ रही खांसी, सांस की समस्या और कुकर खांसी जैसी समस्या के निवारण के लिए अडूसा की पत्तियों और अदरक के रस की समान मात्रा (५ मिली) दिन में तीन बार एक माह तक लगातार दिया जाना चाहिए।