हिमवन नामक पर्वत १०५२ योजन (४२१०५२६ मील) विस्तार वाला है। इस पर्वत पर पद्म नामक सरोवर है। यह सरोवर १००० योजन लम्बा, ५०० योजन चौड़ा एवं १० योजन गहरा है। इसके आगे-आगे के पर्वतों पर क्रम से महापद्म, तििंगच्छ, केशरी, पुंडरीक, महापुंडरीक नाम के सरोवर हैं। पद्म सरोवर से दूनी लम्बाई, चौड़ाई एवं गहराई महापद्म सरोवर की है। महापद्म से दूनी तििंगच्छ की है। इसके आगे के सरोवरों की लम्बाई, चौड़ाई एवं गहराई का प्रमाण क्रम से आधा-आधा होता गया है। इन सरोवरों के मध्य में क्रमश: १, २ एवं ४ योजन के कमल हैं। वे पृथ्वीकायिक हैं। उन कमलों पर श्री, ह्री, धृति, कीर्ति, बुद्धि एवं लक्ष्मी ये ६ देवियाँ अपने परिवार सहित निवास करती हैं। (देखिये चार्ट नं-२)