असंख्यात अवसर्पिणी और उत्सर्पिणी काल के बीत जाने पर एक बार अनेक अघटित घटनाओं को प्रदर्शित करने वाला जो काल आता है , उसे हुण्डावसर्पिणीकाल कहते हैं । वर्तमान में वही हुण्डावसर्पिणीकाल चल रहा है ।
उसी के अन्तर्गत दुःषमा नामका पंचम काल चल रहा है ।