Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
Search
विशेष आलेख
पूजायें
जैन तीर्थ
अयोध्या
हे ज्ञानमूर्ति, मां ज्ञानमती, तव ज्ञान किरण यदि पा जाऊं!
June 16, 2020
भजन
jambudweep
हे ज्ञानमूर्ति माँ ज्ञानमती
तर्ज—हे वीर……
हे ज्ञानमूर्ति, मां ज्ञानमती, तव ज्ञान किरण यदि पा जाऊं।
अज्ञान अंधेरा दूर भगा, निज ज्ञानज्योति को प्रगटाऊँ।।टेक.।।
उपकार करूँ सारे जग का, यह भाव हृदय में आता है।
दु:खियों को देख हृदय रोता, मन करुणा से भर जाता है।।
दो शक्ति मुझे मैं सब जग का, दु:ख दूर स्वयं ही कर पाऊँ।।
अज्ञान अंधेरा दूर भगा, निज ज्ञानज्योति को प्रगटाऊँ।।१।।
भारत इक था गुलजार चमन, हिंसा ने उसको नष्ट किया।
सच्चाई के इस उपवन को, स्वार्थी तत्वो ने भ्रष्ट किया।।
ऐसी शक्ती मैं प्रगट करूँ, जो विश्वशांति को ला पाऊँ।
अज्ञान अंधेरा दूर भगा, निज ज्ञानज्योति को प्रगटाऊँ।।२।।
भगवान न यदि बन सकूँ तो मैं, इंसान की श्रेणी पा जाऊँ।
यदि साधु नहीं बन सकूँ तो मैं, सज्जन की श्रेणी पा जाऊँ।
निज पर को भी ‘‘चंदनामती’’, मैं सज्जनता सिखला पाऊँ।
अज्ञान अंधेरा दूर भगा, निज ज्ञानज्योति को प्रगटाऊँ।।३।।
Tags:
Gyanmati mata ji
Previous post
कलश हाथों में लेकर, करूँ अभिषेक प्रभू पर!
Next post
ऋषभजयंती सब मनाओ!
Related Articles
ज्ञानमती दीक्षा जयन्ती
April 23, 2013
jambudweep
रोम-रोम से निकले माता नाम तुम्हारा!
June 15, 2020
jambudweep
सुनते हैं चन्दा की शीतल, किरणों से अमृत झरता है!
June 16, 2020
jambudweep
error:
Content is protected !!