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हे महाश्रमण तुमको प्रणाम!
June 17, 2020
भजन
jambudweep
हे महाश्रमण तुमको प्रणाम
हे वद्र्धमान तुमको प्रणाम हे मुक्तिदूत तुमको प्रणाम।
वैराग्य तपस्या के प्रतीक हे महाश्रमण तुमको प्रणाम।।१।।
हे अग जग के अनुपम दर्पण त्रिशलानन्दन तुमको प्रणाम।
निर्वैर निरंजन निर्विकार हे महाश्रमण तुमको प्रणाम।।२।।
हे विश्वशांति के मूर्तरूप सर्वाङ्ग सदय तुमको प्रणाम।
हे त्रिभुवन व्यापी कल्पवृक्ष हे महाश्रमण तुमको प्रणाम।।३।।
भारत भू के अभिनवभूषण अपरिग्रहधर तुमको प्रणाम।
सहजीवन के हित अनेकांत हे महाश्रमण तुमको प्रणाम।।४।।
हिंसा-विनाश को वङ्कादण्ड कोमल प्रसून तुमको प्रणाम।
जगजीवों के जीवित जीवन हे महाश्रमण तुमको प्रणाम।।५।।
चेतन विकास विकसित वैभव हे ज्ञानेश्वर तुमको प्रणाम।
तीर्थंकर शंकर क्षेमंकर हे महाश्रमण तुमको प्रणाम।।६।।
दिव्यध्वनि के शुभ सत्य स्रोत सिद्धार्थ तनय तुमको प्रणाम।
हे श्रमण भारती के भत्र्ता हे महाश्रमण तुमको प्रणाम।।७।।
स
मता के आकर करुणाकर हे वीतराग जिनवर प्रणाम।
सर्वज्ञ हितेश्वर वागीश्वर हे महाश्रमण तुमको प्रणाम।।८।।
त्रिशला माँ के शुभ दिव्य महल नंद्यावर्ते क्रीडित ललाम।
कुण्डलपुर में खड्गासन युत हे महाश्रमण तुमको प्रणाम।।९।।
हे वद्र्धमान तुमको प्रणाम, हे महाश्रमण तुमको प्रणाम।।
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