अथ भट्टारकोप्यस्मादगात्कायस्थितिं प्रति।
कूलग्रामपुरीं श्रीमान् व्योमगामिपुरोपमम्।।३१८।।
अथानन्तर पारणा के दिन वे भट्टारक महावीरस्वामी आहार के लिए वन से निकले और विद्याधरों के नगर के समान सुशोभित कूलग्राम नाम की नगरी में पहॅुंचे। (उत्तरपुराण,पर्व-७४,पृ॰ ४६४)