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नाम एवं पता | श्री दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र, प्राचीन मंदिर, कुण्डलपुर ग्राम कुण्डलपुर, जिला- नालन्दा (बिहार) पिन – 803111 |
टेलीफोन | 093082 20291 |
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ | आवास : कमरे (अटैच बाथरूम) – 7, कमरे (बिना बाथरूम) – 4, हाल- 1 ( यात्री क्षमता – 50 )
ए.सी. कमरा 1,यात्री ठहराने की कुल क्षमता 150. भोजनशाला : अनुरोध पर, अन्य : भगवान महावीर चित्रकला दीर्घा औषधालय : नहीं, पुस्तकालय : नहीं, विद्यालय : नहीं |
आवागमन के साधन | रेल्वे स्टेशन : नालन्दा 4 कि.मी.बस स्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग : नालन्दा 4 कि.मी. बिहार शरीफ बस स्टेण्ड से राजगिर जाने वाली बस से नालन्दा उतरकर बड़गाँव आना, जहाँ से कुण्डलपुर आधा कि.मी. पर है। |
निकटतम प्रमुख नगर | बिहारशरीफ – 16 कि.मी. ( पूर्व दिशा में), गया- 80 कि.मी., पटना- 100 कि.मी |
प्रबन्ध व्यवस्था | संस्था : श्री दिग. जैन तीर्थक्षेत्र कुण्डलपुर (बिहार प्रान्त तीर्थक्षेत्र कमेटी)
अध्यक्ष :श्री संघई सुधीर कुमार जैन मंत्री : श्री अजयकुमार जैन, आरा (09334396920) प्रबन्धक : श्री सत्येन्द्र जैन (09304376771) |
क्षेत्र का महत्व |
क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01+05= 6, क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : प्राचीन धार्मिक मान्यतानुसार भगवान महावीर की गर्भ व जन्म कल्याणक भूमि । सदियों से जन-जन की आस्था एवं श्रद्धा के केन्द्र के रूप में भ. महावीर की जन्मभूमि के रूप में पूज्य है। लगभग 150 वर्ष पूर्व जीर्णोद्धरित इस मन्दिर में प्रतिवर्ष असंख्य तीर्थयात्री दर्शनार्थ आते हैं। क्षेत्रीय जनता श्रद्धापूर्वक भगवान महावीर का वन्दन जन्मभूमि में आकर करती है। यहाँ पर भगवान महावीर 2600 वाँ जन्म जयंती महोत्सव की स्मृति में कीर्ति स्तम्भ परमपूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माता जी की प्रेरणा से बनाया गया है। आपकी ही प्रेरणा से भगवान महावीर की जन्मभूमि के विकास की श्रृंखला में नंद्यावर्त महल परिसर का विकास किया गया |
समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र |
राजगिर – 15 कि.मी., पावापुरी 25 कि.मी. नालन्दा, विश्वविद्यालय (खंडहर ) एवं संग्रहालय – 2 कि.मी., गुणावाँ – 45 कि.मी., सम्मेदशिखर- 225 कि.मी., वैशाली 16 कि.मी. |