नाम एवं पता | भगवान महावीर जन्मभूमि कुण्डलपुर, नंद्यावर्त महल पोस्ट – कुण्डलपुर (नालंदा) बिहार 803111 |
टेलीफोन |
06112-295134, 281846, .: 09431022376, 09412708203 Email: kundalpurnalanda@gmail.com, Website: www.jambudweep.org |
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ |
आवास : कमरे (अटैच बाथरूम) – 35, (बिना बाथरूम) – 14, गेस्ट हाऊस – x हाल- 02 ( यात्री क्षमता – 50 ), यात्री ठहराने की कुल क्षमता 400, अन्य : आकर्षक फुलवाडी, बगीचा एवं प्राकृतिक सौन्दर्य से युक्त वातावरण भोजनशाला : सशुल्क- नियमित, विद्यालय : नहीं, औषधालय : नहीं, पुस्तकालय : नहीं |
आवागमन के साधन | रेल्वे स्टेशन : नालंदा 4 कि.मी., राजगिर – 15 कि.मी.
बस स्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग : बिहारशरीफ 15 कि.मी. पटना से बस द्वारा बिहारशरीफ एवं बिहारशरीफ से जीप, टैम्पो आदि द्वारा कुण्डलपुर, नालन्दा से 3 कि.मी. |
निकटतम प्रमुख नगर | बिहारशरीफ- 15 कि.मी., राजगिर – 15 कि.मी., पटना-90 कि.मी., गया 80 कि.मी. |
प्रबन्ध व्यवस्था |
संस्था : भगवान महावीर जन्मभूमि कुण्डलपुर दिगम्बर जैन समिति अध्यक्ष : कर्मयोगी ब्र. रवीन्द्र कुमार जैन (094127 08203) महामंत्री : श्री अनिल कुमार जैन, दिल्ली (09810383697), श्री अजय कुमार जैन (06112-2352285, 2221250) मंत्री : श्री विजय जैन, हस्तिनापुर (094578 17324) |
क्षेत्र का महत्व |
क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 05, क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : सदियों से जन-जन की आस्था का केन्द्र भगवान महावीर स्वामी की गर्भ एवं जन्मकल्याणक भूमि कुण्डलपुर (नालंदा) में गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से नंद्यावर्त महल तीर्थ का निर्माण किया गया है। वर्तमान समय से 2610 वर्ष पूर्व भगवान महावीर ने इसी धरती पर सात खण्ड के ऊँचे दिव्य ‘नंद्यावर्त’ नामक महल में जन्म लिया था। उसी की स्मृति में इस तीर्थ का निर्माण पूज्य माताजी के सान्निध्य में मात्र 22 महीनों की अल्पावधि ( सन् 2003-04 ) में हुआ है। यहाँ पर 101 फुट ऊँचा तीर्थंकर महावीर जिनमंदिर, नवग्रहशांति जिनमंदिर, भगवान ऋषभदेव जिनमंदिर, त्रिकाल चौबीसी जिनमंदिर एवं नंद्यावर्त महल की ऊपरी मंजिल पर भगवान शांतिनाथ जिनालय अति आकर्षक रूप में निर्मित हैं। महावीर जिनमंदिर में भगवान की अवगाहना प्रमाण 11 फुट की खड्गासन चमत्कारिक प्रतिमा विराजमान है। वार्षिक मेला : प्रतिवर्ष महावीर जयंती पर्व पर कुण्डलपुर महोत्सव चैत्र शुक्ला त्रयोदशी |
समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र | राजगिर – 15 कि.मी., पावापुर 25 कि.मी., गुणावाँ – 45 कि.मी., सम्मेदशिखर – 225 कि.मी. |