Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
Search
विशेष आलेख
पूजायें
जैन तीर्थ
अयोध्या
मंगलशान्ति जिनस्तवन
March 16, 2018
स्वाध्याय करें
Harsh Jain
मंगलशान्ति जिनस्तवन
समग्रतत्वदर्पणम् विमुक्तिमार्गघोशणम् कशायमोहमोचनं नमामि षान्तिजिनवरम् ।।1।।
नमामि त्रिलोकवन्द्यभूशणं भवाब्धिनीरषोशणं जितेन्द्रयं अजं जिनं नमामि षान्तिजिनवरम् ।।2।।
अखण्डखण्डगुणधरं प्रचण्डकामखण्डनं सुभव्यपदिनकरं नमामि षान्तिजिनवरम् ।।3।।
एकान्तवादमतहरं सुस्याद्वादकौषलं मुनीन्द्र्रवृन्दसेवितं नमामि षान्तिजिनवरम् ।।4।।
नृपेन्द्रचक्रमण्डनं प्रकर्मचक्रचूरणं सुधर्मचक्रचालकं नमामि षान्तिजिनवरम् ।।5।।
अग्रन्थनग्नकेवलं विमोक्षधामकेतनं अनिश्टघनप्रभत्र्जनं नमामि षान्तिजिनवरम् ।।6।।
महाश्रमणमकित्र्चनं अकामकामपदधरं सुतीर्थकर्तृशोडषं नमामि षान्तिजिनवरम् ।।7।।
महाव्रतन्धरं वरं दयाक्षमागुणाकरं सुदृश्टिज्ञानव्रतधरं नमामि षान्तिजिनवरम् ।।8।।नमामि…
Tags:
Niyamsaar
Previous post
बाहुबली भगवान
Next post
जैनधर्म और तीर्थंकर परम्परा
Related Articles
अभ्यंतर व बाह्य परिग्रह
February 12, 2017
jambudweep
नियमसार : अनुपम बोधामृत
February 11, 2017
jambudweep
स्याद्वाद चन्द्रिका में आगमिक परम्परा का निर्वाह
July 9, 2017
Harsh Jain