नाम एवं पता | श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र, राजगिर पोस्ट- राजगिर, जिला – नालन्दा (बिहार) पिन – 803116 |
टेलीफोन | 09334770321 (पंचपहाड़), 09386745881, 09334770317 (धर्मशाला) टेलीफोन |
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ |
आवास : कमरे ( अटैच बाथरूम) 80, कमरे (बिना बाथरूम ) – 30, हाल- 4 ( यात्री क्षमता 100), गेस्ट हाउस- नही, यात्री ठहराने की कुल क्षमता 1000 ए.सी. कमरे – 20 |
आवागमन के साधन |
रेल्वे स्टेशन : राजगिर 1 कि.मी. |
निकटतम प्रमुख नगर | बिहारशरीफ 25 कि.मी., गया- 65 कि.मी., पटना 110 कि.मी. |
प्रबन्ध व्यवस्था |
संस्था : श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र राजगिर (बिहार प्रान्त तीर्थक्षेत्र कमेटी ), देवाश्रम महादेवा रोड, आरा अध्यक्ष : श्री आर. के. जैन, मुम्बई मंत्री : श्री अजयकुमार जैन (09334396920) प्रबन्धक : श्री सुनिल जैन (09334008611) |
क्षेत्र का महत्व |
क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 12 ( पहाड़ पर 10, तलहटी पर 2 ) क्षेत्र पर पहाड़ : है ( कुल 4189 सीढ़ियाँ, 5 पहाड़ है) ऐतिहासिकता : यहाँ भगवान मुनिसुव्रतनाथजी के गर्भ, जन्म, तप एवं ज्ञान कल्याणक हुए हैं, अत: जन्मभूमि है। यह भगवान महावीर की प्रथम (देशना) स्थली है। यहाँ स्थित विपुलाचल, रत्नगिरि, उदयगिरि, अरूणगिरि (स्वर्णगिरि) व वैभवगिरि आदि पाँच पहाड़ियों से अनेक मुनियों ने निर्वाण प्राप्त किया, इसलिये इसे सिद्धक्षेत्र माना गया है। लाल मन्दिर के प्रांगण में गणिनी प्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से भगवान मुनिसुव्रतनाथ की 121/4′ की प्रतिमा कमलासन पर विराजमान की गई है। विशेष जानकारी : राजगिर जैन धर्म के अतिरिक्त हिन्दू, मुसलमान, सिख, ईसाई एवं बौद्ध धर्मों का संगम स्थल है। प्रकृति प्रदत्त गर्म जल के झरनें यहाँ के विशेष आकर्षण हैं । अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है। |
समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र |
भगवान महावीर जन्म भूमि कुण्डलपुर – 15 कि.मी., पावापुरी – 35 कि.मी. गुणावाँ – 40 कि.मी, गुलजारबाग (पटना) – 110 कि.मी. शिखरजी – 225 कि.मी., कोल्हुआ पहाड़ 135 कि.मी. |