नाम एवं पता | श्री 1008 पार्श्वनाथ भगवान दि. जैन अतिशय क्षेत्र, कमठाण त. एवं जिला- बीदर (कर्नाटक) पिन – 585226 |
टेलीफोन | 08482-229524, 220295, T.: 098803 95004, 098453 34456 |
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ |
आवास : कमरे (अटैच बाथरूम) – x, कमरे (बिना बाथरूम) – 12 सुविधाएँ हाल 2 (यात्री क्षमता – 200+300), गेस्ट हाऊस – x यात्री ठहराने की कुल क्षमता 200+300 = 500 प्रवचन हाल 300 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता भोजनशाला :निःशुल्क, अनुरोध पर आधुनिक सुविधा से युक्त , विद्यालय : है , औषधालय : है , पुस्तकालय : नहीं |
आवागमन के साधन | रेल्वे स्टेशन : बीदर- 9 कि.मी. बिदर जिला केन्द्र स्थान है
बस स्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग : कमठाण 1/2 कि.मी. रेल अथवा सड़क मार्ग, मुम्बई हैदराबाद राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 9, 19 कि.मी. की दूरी पर है। नोट : बीदर जैन मंदिर में भी ठहरने के लिए कमरों की व्यवस्था है एवं 100 व्यक्तियों के ठहरने की एक हॉल की व्यवस्था है। |
निकटतम प्रमुख नगर | बीदर- 9 कि.मी. |
प्रबन्ध व्यवस्था | संस्था : श्री 1008 पार्श्वनाथ भगवान दि. जैन अतिशय क्षेत्र, कमठाण ट्रस्ट
अध्यक्ष : श्री जिनेन्द्र एन. टिक्के (09880395004) मंत्री : श्री अशोक आर. वनकुदरे (09448123267) प्रबन्धक : श्री पद्मण्णा बेलकीरे (09242845465) |
क्षेत्र का महत्व | क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01
क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : रट्ट राजवंश के राजाओं द्वारा निर्मित भगवान पार्श्वनाथ की ध्यानमग्न पद्मासन प्रतिमा 4 फीट ऊँची 1100 वर्ष प्राचीन, अति सुन्दर एवं मनोहारी हैं। देखने वालों को ऐसा प्रतीत होता है कि साक्षात तीर्थकर मौन व्रत धारण कर तपस्या में जीवंत बैठे हुए हैं। सन् 1989 में आचार्य श्री श्रुतसागरजी मुनि महाराजजी ने भगवान की प्रतिमाजी को गुफा के ऊपरी भाग में प्रतिष्ठापित करवाया। प्रतिमा की महिमा बहुत है। आज भी अनेक अतिशयकारी घटनायें देखने को मिलती हैं। विशेष जानकारी: प्रति वर्ष माघ शुक्ल 5 से 7 तक रथयात्रा महोत्सव मनाया जाता है। |
समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र |
1. अतिशय क्षेत्र हुणसी, हडगील, जिला-गुलबर्गा – 142 कि.मी. 2. अतिशय क्षेत्र कुलचारम् (आंध्र प्रदेश) – 92 कि.मी. समीपवर्ती अन्य दर्शनीय एवं ऐतिहासिक स्थल : बीदर नगर में जैन मंदिर देखने लायक है। 100 कि.मी. की दूरी पर ‘मान्य – खेट’ ( मल-खेड़) में भगवान मल्लिनाथजी का मंदिर है, जो गुलबर्गा जिले में है । पार्श्वनाथ भगवान जैन त्रिकूट मंदिर, हरसुर, जिला-गुलबर्गा – 100 कि.मी. |