नाम एवं पता | श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र, अहारजी तहसील- बल्देवगढ़, जिला टीकमगढ (मध्यप्रदेश) पिन 472001 |
टेलीफोन | 07683298932, 099266 10184, नरेन्द्रकुमार जैन – 09425141593 |
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ |
आवास : कमरे ( अटैच बाथरूम) – 22, कमरे (बिना बाथरूम ) – 150 हाल – 3 (यात्री क्षमता – 200 ), यात्री ठहराने की कुल क्षमता 1000. ए.सी. कमरे – 02 गेस्ट हाऊस – x, डीलक्स कमरे – 14 भोजनशाला : है, अनुरोध पर सशुल्क, विद्यालय : है, औषधालय : है, पुस्तकालय : नहीं |
आवागमन के साधन | रेल्वे स्टेशन : मऊरानीपुर-62 कि.मी., ललितपुर- 83 कि.मी., झाँसी 120 कि.मी.
बस स्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग : बलदेवगढ़ 10 कि.मी., टीकमगढ़ – 25 कि.मी. सड़क मार्ग टीकमगढ़ से अहारजी |
निकटतम प्रमुख नगर | टीकमगढ़ – 25 कि.मी. |
प्रबन्ध व्यवस्था |
संस्था : प्रबन्धकारिणी समिति, अहारजी (सिद्धक्षेत्र अहारजी) अध्यक्ष : श्री महेन्द्रजैन बड़ागांव, टीकमगढ़ (09425141579) मंत्री : श्री राजकुमार जैन (09407067923) प्रबन्धक : श्री वीरेन्द्रकुमार जैन (07683-298932, 09926485273 ) |
क्षेत्र का महत्व |
क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 08, मानस्तम्भ -2, चरणछतरी – 6 (पंचपहाड़ी पर ) ऐतिहासिकता : इस क्षेत्र से भगवान मल्लिनाथ के तीर्थकाल में सत्रहवें कामदेव मदनकुमार (नलराज) एवं महावीर स्वामी के तीर्थकाल में आठवें केवली बिस्कवल ने तपस्या कर मोक्ष प्राप्त किया। जनश्रुति है कि 12वीं शताब्दी में चंदेरी निवासी पाणाशाह व्यापारी ने जिन दर्शन उपरांत भोजन करने का व्रत ले रखा था। एक बार उन्हें रांगा भरी गाड़ियों सहित यहाँ रुकना पड़ा, लेकिन यहाँ जिनालय न होने से वे भोजन ग्रहण नहीं कर सकते थे। तभी उन्हें वहाँ मुनिराज के दर्शन हुए, उन्हें आहार देकर स्वयं भोजन किया। संयोग से उनका रांगा चाँदी में परिवर्तित हो गया। उस द्रव्य राशि से मंदिर बनवाया व क्षेत्र का नाम अहारी रखा। मूलनायक प्रतिमा शांतिनाथ भगवान की लगभग 5 मीटर ऊँची है। दीवार वेदियों में त्रिकाल चौबीसी तथा 20 विदेह क्षेत्र स्थित तीर्थकरों की प्रतिमाएँ विराजमान हैं। मूर्तियाँ 11वीं व 12वीं शताब्दी की हैं। प्रतिवर्ष अगहन सुदी 13 से 15 तक वार्षिक मेला लगता है। क्षेत्र पर पहाड़ : क्षेत्र से 75 कि.मी. की दूरी पर है, 40 सीढ़ियाँ है |
समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र | पपौराजी – 22 कि.मी., द्रोणगिरि – 56 कि.मी., खजुराहो – 125 कि.मी., श्री फलहौड़ी – बड़ागाँव – 30 कि.मी., ओरछा – 110 कि.मी., कुंडेश्वर – 30 कि.मी. |