नाम एवं पता | श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, बीनाजी (बारहा) पोस्ट- बीना (बारहा), देवरीकलाँ, जिला सागर (मध्यप्रदेश) पिन – 470 226 |
टेलीफोन | 07586-250457, 094254 51153, 094258 38178 |
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ |
आवास : कमरे ( अटैच बाथरूम) – 12, कमरे (बिना बाथरूम) 85 हाल 4 (यात्री क्षमता 100), गेस्ट हाउस – 12, यात्री ठहराने की कुल क्षमता 500 भोजनशाला : है, सशुल्क, विद्यालय : नहीं, औषधालय : नहीं, पुस्तकालय : नहीं |
आवागमन के साधन | रेल्वे स्टेशन : नरसिंहपुर 85 कि.मी., करेली 55 कि.मी., सागर- 73 कि.मी
बस स्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग : देवरीकलाँ 8 कि.मी. बायपास रोड़ पर नरसिंहपुर देवरीकलाँ बीनाजी (बारहा) सड़क मार्ग, सागर- देवरीकलाँ – बीनाजी (बारहा) सड़क मार्ग |
निकटतम प्रमुख नगर | देवरी कलाँ 8 कि.मी., सागर- 60 कि.मी. |
प्रबन्ध व्यवस्था | संस्था : श्री दि. जैन अतिशय क्षेत्र बीनाजी (बारहा)
अध्यक्ष : श्री संतोष चौधरी, अनन्तपुर (9926979547) कार्याध्यक्ष : दिनेश सोंधिया प्रबन्धक : श्री अलकेश जैन, देवरी (9425182108) |
क्षेत्र का महत्व | क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 04 ( संतशिरोमणी आचार्य श्री विद्यासागरजी
महाराज के आशीर्वाद से बंशी पहाड़पुर पत्थर से जीर्णोद्धार का कार्य तीव्र गति से चल रहा है) क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : विश्व के जैन इतिहास में अन्यत्र कहीं न मिलने वाली चूना- गारा से निर्मित 16 फीट पद्मासन अवगाहना में महावीर स्वामी की प्रतिमा विराजमान है। इसी के निकट भगवान चन्द्रप्रभु की पाषाण की रक्ताभ रंग की सवा छः फीट अवगाहना की प्रतिमा विराजमान है। भगवान शांतिनाथ की 18 फीट ऊँची कत्थई पाषाण प्रतिमा मनोज्ञ एवं अतिशययुक्त है। गंधकुटी स्तूप जिनालय 40-40 सीढ़ियों वाला लाल पत्थर से निर्मित अलौकिक छटा वाला है। भोहरे में भी अनेक प्राचीन प्रतिमाएँ हैं। खण्डित पाषाण की अनेक मूर्तियाँ संग्रहालय में रखी हैं। |
समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र | पटनागंज – 35 कि.मी., कुंडलपुर- 140 कि.मी., पटेरिया – 45 कि.मी., कोनीजी 155 कि.मी., मढ़ियाजी (जबलपुर) – 120 कि.मी. |