नाम एवं पता | श्री संकट हरण गंधर्वपुरी पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन ऐतिहासिक तीर्थक्षेत्र, गंधर्वपुरी ग्राम- गंधर्वपुरी, तहसील सोनकच्छ जिला देवास (मध्यप्रदेश) |
टेलीफोन | 07270-277173, 099938 31876, 94248 28876 |
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ |
आवास : कमरे ( अटैच बाथरूम) – x, कमरे (बिना बाथरूम ) – 2 हाल – x, गेस्ट हाऊस है, यात्री ठहराने की कुल क्षमता- 50 भोजनशाला : नहीं, विद्यालय : नहीं, औषधालय : नहीं, पुस्तकालय : नहीं |
आवागमन के साधन | रेल्वे स्टेशन : देवास 45 कि.मी., इन्दौर – 80 कि.मी.
बस स्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग : गंधर्वपुरी में है। सड़क मार्ग व्हाया देवास, इन्दौर भोपाल मुख्य मार्ग पर सोनकच्छ से 9 कि.मी. |
निकटतम प्रमुख नगर | सोनकच्छ – 09 कि.मी. |
प्रबन्ध व्यवस्था | संस्था : संकटहरण गंधर्वपुरी पार्श्वनाथ दि. जैन ऐतिहासिक तीर्थक्षेत्र
अध्यक्ष : श्री रतनलाल जी जैन मंत्री : श्री कल्पित जैन (277173, 0993836876) प्रबन्धक : बिन्दु जैन (07270-277173, 09424828876) |
क्षेत्र का महत्व | क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01
क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : यहाँ पर भगवान महावीर विराजे थे। पुरातत्व के दृष्टिकोण से म.प्र. में गंधर्वपुरी का अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान है यहाँ वहाँ बिखरी हुई जैन प्रतिमाएँ, इस बात की द्योतक है कि यहाँ एक बड़ा नगर एवं व्यापारिक स्थल रहा होगा। पूर्व में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. कैलाशनाथ काटजू ने यहाँ पुरातत्व संग्रहालय की स्थापना करवाई। एक मूर्ति 12 फुट लम्बी एवं 4 फुट चौड़ी है। चूने एवं पतली ईंट का बना मंदिर लगभग 250 वर्ष पुराना है। इस मंदिर में मूलनायक प्रतिमा भगवान पार्श्वनाथ की है, जो कि संकट हरण गंधर्वपुरी पार्श्वनाथ के नाम से प्रसिद्ध है। खुदाई करने पर पत्थर के बने हुए मंदिर एवं सीढ़ियाँ मिलती हैं। यहाँ पुरातत्त्व पर शोध करने के लिए भी बाहर से अनेक विद्वान आते रहते हैं। वार्षिक मेला : पौष बदी ग्यारस के दिन भगवान पार्श्वनाथ जन्मोत्सव पर वार्षिक मेला लगता है। |
समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र | पुष्पगिरि- 13 कि.मी., बनेडियाजी – 75 कि.मी., बावनगजा (चूलगिरि) – 222 कि.मी., मक्सी 75 कि.मी. |