नाम एवं पता | भगवान बाहुबली दिगम्बर जैन अतिशय तीर्थ क्षेत्र, गोम्मटगिरि हातोद रोड़, तहसील – हातोद, जिला- इन्दौर (मध्यप्रदेश) पिन – 453111 |
टेलीफोन | 0731-2882251, धर्मशाला 2882650 |
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ |
आवास : कमरे (अटैच बाथरूम ) – 45, ( क्षेत्र पर धर्मशालायें हैं) गेस्ट हाउस तलहटी पर 3 पहाड़ी पर – 1, ए.सी. रूम – 8 हाल 5 (यात्री क्षमता – 350 ), गेस्ट हाउस – 3 यात्री ठहराने की कुल क्षमता – 1000. तलहटी पर भोजनशाला : गोम्मटेश भोजनालय, सशुल्क, नियमित, विद्यालय : है , औषधालय : नहीं, पुस्तकालय : है |
आवागमन के साधन | रेल्वे स्टेशन : इन्दौर – 15.कि.मी…
बस स्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग : गंगवाल बस स्टेण्ड, इन्दौर – 10 कि.मी., सरवटे बस स्टेण्ड – 15 कि.मी. इन्दौर तक रेल अथवा सड़क मार्ग, ऑटो-रिक्शा, टेम्पो, नगर सेवा, सिटी बस, टाटा मैजिक उपलब्ध |
निकटतम प्रमुख नगर | इन्दौर – 10 कि.मी. (पश्चिम दिशा) |
प्रबन्ध व्यवस्था | संस्था : भगवान बाहुबली दिगम्बर जैन ट्रस्ट, गोम्मटगिरि
अध्यक्ष : श्री कमल चन्द सेठी ( 9302106655) कार्याध्यक्ष : श्री प्रतिपाल टोंग्या ( 9302106984) महामंत्री : श्री भरत मोदी (9826033128) कोषाध्यक्ष : श्री शांतिकुमार टोंग्या ( 9926958968) प्रबन्धक : श्री अनिल जैन (09329114091) |
क्षेत्र का महत्व | क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 24 मंदिर, 21 फीट, बाहुबली प्रतिमा, आदिनाथ मंदिर-3, महावीर मंदिर-1, रत्नत्रय मंदिर, तलहटी पर आदिनाथ मंदिर – 1 आदि (कुल 32 मन्दिर)
क्षेत्र पर पहाड़ : है ( पहाड़ पर 110 सीढ़ियाँ है), वाहन जाते हैं ऐतिहासिकता : आचार्य श्री विद्यानन्दजी महाराज की प्रेरणा से यह क्षेत्र निर्मित हुआ है। सन् 1986 में आचार्य श्री विद्यानन्दजी महाराज, आचार्य श्री विमलसागरजी महाराज एवं अनेक मुनिराजों के सान्निध्य में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा सम्पन्न कर भगवान बाहुबली की विशाल प्रतिमाएवं वर्तमान चौबीसी जिनालय की स्थापना की गई। यह क्षेत्र अति सुन्दर, मनोहारी एवं आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण है। त्रिकाल चौबीसी की रत्नों की प्रतिमाएँ दर्शनीय हैं। तलहटी में भी जिनालय है। इसके 1: अलावा इन्दौर शहर में अनेक भव्य जिनालय हैं। वार्षिक मेले व विशेष : आयोजन की तिथियाँ: मार्च के द्वितीय रविवार को |
समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र | अतिशय क्षेत्र श्री बनेडियाजी 33 कि.मी., मक्सी पार्श्वनाथ – 80 कि.मी., पुष्पगिरि – 80 कि.मी., सिद्धवरकूट- 90 कि.मी., अतिशय तीर्थ नवग्रह जिनालय -3 कि.मी. |