नाम एवं पता | श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र गोपाचल पर्वत संरक्षक न्यास, गोपाचल पर्वत पार्श्वनाथ वनस्थली, गोपाचल मार्ग, फूलबाग के पास, ग्वालियर, (मध्यप्रदेश) पिन – 474002 |
टेलीफोन | 0751 2427778, 2420964, 093011 22000 |
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ |
आवास : कमरे (अटैच बाथरूम ) – x, कमरे (बिना बाथरूम) – x गेस्ट हाउस – x क्षेत्र यात्री ठहराने की कुल क्षमता – x किन्तु 1. लश्कर में नई सड़क पर महावीर जैन धर्मशाला सर्व सुविधा सम्पन्न है। 2. जैन छात्रावास, हॉस्पिटल रोड, ग्वालियर 3 स्वर्ण मन्दिर, गस्त का ताजिया, ग्वालियर। भोजनशाला : नहीं, विद्यालय : नहीं, औषधालय : नहीं, पुस्तकालय : है |
आवागमन के साधन | रेल्वे स्टेशन : ग्वालियर 2 कि.मी
बस स्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग : ग्वालियर 2 कि.मी रेल व सड़क मार्ग दोनों |
निकटतम प्रमुख नगर | ग्वालियर |
प्रबन्ध व्यवस्था | संस्था : श्री दि. जैन अतिशय क्षेत्र गोपाचल पर्वत संरक्षक न्यास
अध्यक्ष : श्री श्यामलाल विजयवर्गीय ( 0751-6536647) मंत्री : श्री अजीत वरैया (0751-2431000, 2432000, 09301122000) प्रबन्धक : श्री अनिल शाह (0751-2632226, 2420179) |
क्षेत्र का महत्व | क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : तहलटी में 2 जिनालय व 26 गुफाओं में मूर्तियाँ हैं ।
क्षेत्र पर पहाड़ : है, 50 सीढ़ियाँ है । ऐतिहासिकता : यह क्षेत्र भगवान पार्श्वनाथ की देशनास्थली, सुप्रतिष्ठित केवली की निर्वाणस्थली होने के साथ पर्वत पर 26 जिनालयों के अन्दर छोटी बड़ी डेढ़ हजार से अधिक मूर्तियाँ हैं। गुफा नं. 10 में भगवान पार्श्वनाथ की पद्मासन 42 फुट ऊँची, 30 फुट चौड़ी संसार की सबसे विशाल पद्मासन प्रतिमा विराजमान है। सं. 1398 से सं. 1536 के मध्य पर्वत को तराशकर ये मूर्तियाँ बनाई गई थीं। मुगल आतताइयों द्वारा मूर्तियाँ खण्डित की गईं। पार्श्वनाथ प्रतिमा पर वार करने पर चमत्कार हुआ एवं विध्वंसक भाग गये। क्षेत्र की प्राचीनता एवं पुरातत्व के बारे में विस्तृत सर्वेक्षण कराकर कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर द्वारा सचित्र रंगीन प्रामाणिक पुस्तक का प्रकाशन The Jain Sanctuaries of Fortres of Gwalior शीर्षक से किया गया है। वार्षिक मेले एवं विशेष आयोजन तिथियाँ : 1. भगवान महावीर का जन्म कल्याणक- चैत्रसुदी – 13 एवं निर्वाण कल्याणक कार्तिक वदी- 30, 2. भगवान पार्श्वनाथ का जन्म कल्याणक पौषबदी – 11 एवं निर्वाण कल्याणक – श्रावण सुदी 7, 3. वार्षिक मेला – क्वाँर बदी 4 |
समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र | सोनागिर – 70 कि.मी., सिंहोनियाँ- 60 कि.मी., शिवपुरी 115 कि.मी., आगरा-115.कि.मी. |