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५० वर्षों के कार्यकलाप

August 29, 2022ज्ञानमती माताजीjambudweep

 

(५६)
सन् २०१४
में संस्थान के सहयोग से
भगवान भरत-बाहुबली टोंक-अयोध्या में प्रतिमा स्थापना। इससे पूर्व भरत-बाहुबली प्रतिमा की प्रतिष्ठापना विधि सन् २०१२ में
जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर में पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी
के सान्निध्य में सम्पन्न हुई।

 

 

 

 

 

(५७)
मगसिर कृ. पंचमी
११ नवम्बर २०१४ से ३० नवम्बर २०१५
तक ‘‘आर्यिका श्री रत्नमती माताजी
जन्म शताब्दी वर्ष (१९१४-२०१५)’’
का आयोजन।

 

 

 

 

 

 

(५८)
मई २०१५
मेेंं संस्थान के सहयोग से ‘‘१०८ फुट विशाल भगवान ऋषभदेव मस्तकाभिषेक विश्वशांति मंगल कलश
यात्रा रथ-मांगीतुंगी’’ का भारत भ्रमण।

 

 

 

 

 

(५९)
११ फरवरी से ६ मार्च २०१६
संस्थान के सहयोग से ऋषभगिरि-मांगीतुंगी में २० वर्षों के अनथक प्रयासों से विश्व की सबसे ऊँची १०८ फुट भगवान ऋषभदेव प्रतिमा का निर्माण एवं इस प्रतिमा के अंतर्राष्ट्रीय पंचकल्याणक प्रतिष्ठा व महामस्तकाभिषेक महोत्सव में ऐतिहासिक सफलता।
अखण्ड पाषाण में निर्मित यह प्रतिमा विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा के रूप में गिनीज वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

(६०)
२२ अक्टूबर २०१८
को संस्थान के सहयोग से
ऋषभदेवपुरम्-मांगीतुंगी तीर्थ में
पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी के समक्ष देश के राष्ट्रपति महामहिम श्री रामनाथ जी कोविन्द का आगमन और विश्वशांति अहिंसा सम्मेलन का उद्घाटन।

 

 

 

 

(६१)
दिनाँक ४ मार्च से ८ मार्च २०१९,
तिथि-फाल्गुन कृ. त्रयोदशी से फाल्गुन शु. द्वितीया में गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी के सान्निध्य में कटरा मोहल्ला-अयोध्या स्थित
भगवान सुमतिनाथ जन्मभूमि स्थान पर
भव्य जिनमंदिर का निर्माण एवं
अष्टधातुमय सवा ५ फुट भगवान सुमतिनाथ प्रतिमा की पंचकल्याणक प्रतिष्ठापूर्वक
स्थापना में संस्थान का सहयोग।

 

 

(६२)
सन् २०२०
में संस्थान के अन्तर्गत सम्मेदशिखर जी तीर्थ पर ‘‘आचार्यश्री शांतिसागर धाम’’ की स्थापना। बीसवीं सदी के प्रथमाचार्य चारित्रचक्रवर्ती श्री शांतिसागर जी महाराज द्वारा सन् १९२७ में दक्षिण (बाहुबली कुम्भोज) से उत्तर (सम्मेदशिखर जी) की तीर्थ यात्रा को सदैव स्मृति स्वरूप बनाने हेतु आचार्यश्री शांतिसागर धाम तीर्थ का निर्माण किया गया, जिसमें ३१ फुट उत्तुंग भगवान अजितनाथ प्रतिमा की भव्य पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव तिथि-माघ कृ. एकादशी से माघ शु. द्वितीया, २० जनवरी से २६ जनवरी २०२० तक सम्पन्न हुई।

 

 

 

 

(६३)
फाल्गुन शु. चतुर्दशी, २० मार्च २०१९ से २०२०
तक प्रथमाचार्य चारित्रचक्रवर्ती
श्री शांतिसागर जी अंतर्राष्ट्रीय मुनि दीक्षा शताब्दी वर्ष की घोषणा एवं २० मार्च २०१९
को देश में ५१ से अधिक स्थानों के
दिगम्बर जैन मंदिरों में दीप प्रज्ज्वलन के
साथ इस वर्ष का सफल उद्घाटन।

   

 

   

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