१. ॐ ह्रीं अर्हं सूर्यग्रहारिष्टनिवारक-श्री पद्मप्रभजिनेन्द्राय नम: सर्वशांतिं कुरु कुरु स्वाहा।
२. ॐ ह्रीं सोमग्रहारिष्टनिवारक-श्री चन्द्रप्रभजिनेन्द्राय नम: सर्वशांतिं कुरु कुरु स्वाहा।
३. ॐ ह्रीं मंगलग्रहारिष्टनिवारक-श्री वासुपूज्यजिनेन्द्राय नम: सर्वशांतिं कुरु कुरु स्वाहा।
४. ॐ ह्रीं बुधग्रहारिष्टनिवारक-श्री मल्लिनाथजिनेन्द्राय नम: सर्वशांतिं कुरु कुरु स्वाहा।
५. ॐ ह्रीं गुरुग्रहारिष्टनिवारक-श्री महावीरजिनेन्द्राय नम: सर्वशांतिं कुरु कुरु स्वाहा।
६. ॐ ह्रीं शुक्रग्रहारिष्टनिवारक-श्री पुष्पदन्तनाथजिनेन्द्राय नम: सर्वशांतिं कुरु कुरु स्वाहा।
७. ॐ ह्रीं शनिग्रहारिष्टनिवारक-श्री मुनिसुव्रतनाथजिनेन्द्राय नम: सर्वशांतिं कुरु कुरु स्वाहा।
८. ॐ ह्रीं राहुग्रहारिष्टनिवारक-श्री नेमिनाथजिनेन्द्राय नम: सर्वशांतिं कुरु कुरु स्वाहा।
९. ॐ ह्रीं केतुग्रहारिष्टनिवारक-श्री पार्श्र्वनाथजिनेन्द्राय नम: सर्वशांतिं कुरु कुरु स्वाहा। णमोकार महामंत्र के एक-एक पद भी एक-एक ग्रह की शांति के लिए माने गये हैं, जो कि सूर्य, चन्द्र आदि के नंबर से दिये गये हैं- १. ॐ ह्रीं णमो सिद्धाणं। (७००० जाप्य) २. ॐ ह्रीं णमो अरिहंताणं। (११००० जाप्य) ३. ॐ ह्रीं णमो सिद्धाणं। (१०००० जाप्य) ४. ॐ ह्रीं णमो उवज्झायाणं। (१४००० जाप्य) ५. ॐ ह्रीं णमो उवज्झायाणं। (१९००० जाप्य) ६. ॐ ह्रीं णमो उवज्झायाणं। (१०००० जाप्य) ७. ॐ ह्रीं णमो लोए सव्वसाहूणं। (२३००० जाप्य) ८. ॐ ह्रीं णमो लोए सव्वसाहूणं। (१८००० जाप्य) ९. ॐ ह्रीं णमो लोए सव्वसाहूणं। (१०००० जाप्य)