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  श्री वीरप्रभू को वन्दन कर, उनके शासन को नमन करूँ। 
नया साल आया अभिनन्दन कर लो, वन्दन कर लो प्रभु वन्दन कर लो। 




काम भोग की बन्ध कथा तुम तज दिया, आत्मरमण निर्बन्ध कथा को भज लिया।
स्वर्ग का भोजन किया पुनः मुनि बन गए, कवलाहार तजा तब तुम जिन बन गए। 




आम, सेव, अंगूर बहुत फल खा लिए, अब प्रभु तुम ढिग उत्तम फल ले आ गए 
अष्टद्रव्य को रत्नथाल में भर लिया, प्रभु चरणों में उसको अर्पण कर दिया। 
यह नव प्रकाश विश्व में आलोक भरेगा।