नाम एवं पता | श्री दिगम्बर जैन सह्याचल (विजयंतीगिरि) कलातिशय क्षेत्र, पानीगाँव (बिजवाड़) तहसील – कन्नौद, जिला देवास (मध्यप्रदेश) पिन – 455332 |
टेलीफोन | 07273261226, 094245-97737, 098939 51705 |
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ |
आवास : कमरे ( अटैच बाथरूम ) – 2, कमरे (बिना बाथरूम) – 2 हाल – 1, यति भवन 2, यात्री ठहराने की कुल क्षमता- 50 भोजनशाला : नहीं, विद्यालय : है, एस.टी.डी./पी.सी.ओ. – है, औषधालय : नहीं, पुस्तकालय : है |
आवागमन के साधन | रेल्वे स्टेशन : इन्दौर – 75.कि.मी.
बस स्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग : बिजवाड़ – पानीगाँव 2.5 कि.मी. इन्दौर हरदा राजमार्ग पर बिजवाड़ से उत्तर में 1.5 कि.मी. |
निकटतम प्रमुख नगर | 15 कि.मी. इन्दौर-75 कि.मी., खातेगाँव- 35 कि.मी., हरदा- 75 कि.मी. |
प्रबन्ध व्यवस्था | संस्था : श्री दिग. जैन सह्याचल सिद्धक्षेत्र कलातिशय क्षेत्र विकास समिति, पानीगाँव
अध्यक्ष : श्री नरेन्द्र पाटोदी, लोहारदा (07273-262431, 09893951705) उपाध्यक्ष : श्री कचरूमल सेठी कोषाध्यक्ष : श्री कैलाशचन्द्र सेठी, पानीगाँव (07273261226, 9424597737) मंत्री : श्री विनयचन्द जैन, बावड़ीखेड़ा (09329144710) |
क्षेत्र का महत्व | क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 05
क्षेत्र पर पहाड़ : है। सीढ़ियाँ बनी है। गाड़ी का भी रास्ता हैं। ऐतिहासिकता : यह अति प्राचीन सिद्ध क्षेत्र है। सन् 1994 में मुनि श्री मार्दवसागरजी के सान्निध्य में उन्हीं की प्रेरणा से इस क्षेत्र का विकास कार्य प्रारम्भ हुआ है। पर्वत पर तीन जैन मन्दिर निकले थे । एक मन्दिर का जीर्णोद्धार हो गया है, जिसमें वहीं से निकली विशालकाय भगवान शांतिनाथ, कुंथुनाथ, अरहनाथ, संभवनाथ एवं महावीर स्वामी की मूर्तियाँ विराजित हैं। तीर्थकर उद्यान विकसित हो रहा है। उत्खनन में सहस्रकूट की पाषाण प्रतिमाएं प्राप्त हुई। यहाँ से निकली 1 ट्रक मूर्तियाँ जयसिंहपुरा, उज्जैन भेजी गई हैं । समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र सह्याचले च हिमवत्यादि सुप्रतिष्ठे (श्री पूज्यपाद स्वामी (5वीं शताब्दी) कृत संस्कृत निर्वाण भक्ति) विशेष जानकारी: खुदाई में मूर्तियाँ और मन्दिर निकलने की संभावना है । |
समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र | नेमावर सिद्धोदय 52 कि.मी., बनेडिया 125 कि.मी., गोम्मटगिरि- 75 कि.मी., मक्सी 125.कि.मी. |