
(ज्ञानमती माताजी की आत्मकथा)
| १. जीवस्थान | ४. वेदना खण्ड |
| २. क्षुद्रकबंध | ५. वर्गणाखण्ड और |
| ३. बंधस्वामित्वविचय | ६. महाबंध ये नाम हैं। |
| १. सत्प्ररूपणा | ५. कालानुगम |
| २. द्रव्यप्रमाणानुगम | ६. अन्तरानुगम |
| ३. क्षेत्रानुगम | ७. भावानुगम |
| ४. स्पर्शनानुगम | ८.अल्पबहुत्वानुगम। |
| १. प्रकृतिसमुत्कीर्तन चूलिका | ६. उत्कृष्ट स्थितिबंध |
| २. स्थानसमुत्कीर्तन चूलिका | ७. जघन्यस्थितिबंध |
| ३. प्रथममहादण्डक | ८. सम्यक्त्वोत्पत्ति चूलिका और |
| ४. द्वितीयमहादण्डक |
९. गत्यागती चूलिका।
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| ५. तृतीय महादण्डक |


