नाम एवं पता | श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र, गजपंथा म्हसरूल ग्राम – म्हसरूल, तहसील एवं जिला नासिक (महाराष्ट्र) पिन – 422004 |
टेलीफोन | (का.) 0253-2530215, (पहाड़) 2024857 |
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ | आवास : कमरे (अटैच बाथरूम) – 30, कमरे ( बिना बाथरूम) – हाल – 1 ( यात्री क्षमता – 300 ), गेस्ट हाऊस – x यात्री ठहराने की कुल क्षमता 1000
भोजनशाला : सशुल्क, ऑर्डर देने पर , विद्यालय : है (अंग्रेजी, औषधालय है , पुस्तकालय : नहीं |
आवागमन के साधन | रेल्वे स्टेशन : नासिक सेन्ट्रल बस स्टेण्ड 7 कि.मी
बस स्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग : रेल अथवा सड़क मार्ग, नासिक रोड रेल्वे स्टेशन से म्हसरूल (गजपंथा) सिटी बस एवं ऑटो रिक्सा द्वारा |
निकटतम प्रमुख नगर | नासिक – 5 कि.मी. |
प्रबन्ध व्यवस्था | संस्था : श्री दि. जैन तीर्थक्षेत्र म्हसरूल (गजपंथा
अध्यक्ष : श्री विजय कुमार कासलीवाल (5616637, 09370292035) मंत्री : श्री प्रदीपकुमार पहाड़े (098227-98377) |
क्षेत्र का महत्व | क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 06 (पहाड़ पर 3 गुफा मन्दिर एवं 2 मन्दिर)
क्षेत्र पर पहाड़ : म्हसरूल ग्राम में 1 भव्य जिनालय : है ( 450 सीढ़ियाँ उंची एवं खड़ी हैं) ऐतिहासिकता : इस क्षेत्र से 7 बलभद्र और आठ करोड़ मुनि मोक्ष गये हैं। धर्मशाला स्थित जिनालय में मूलनायक प्रतिमा भगवान महावीर की है। पर्वत की ऊँचाई 400 फीट है। पर्वत पर 3 गुफा मन्दिर हैं तथा 2 नवनिर्मित जिनालय हैं। यहाँ गुफाओं को ‘चामर लेणी’ कहते हैं। पार्श्वनाथ गुफा दर्शनीय है। वर्ष 1973 में 24 सितम्बर के दिन मुनि श्री सुधर्मसागरजी महाराज सल्लेखना पूर्वक अपना शरीर छोड़कर स्वर्ग सिधारे। उस अवधि में अनेक चमत्कारिक घटनाएँ हुई हैं। वार्षिक मेला एवं तिथि : प्रतिवर्ष कार्तिक शु. त्रयोदशी- मंदिर म्हसरूल एवं पहाड़ मंदिर में मेला लगता है। विशेष जानकारी: पहाड़ पर जाने-आने की सुविधा म्हसरूल मंदिर से शुल्क देकर उपलब्ध है। पहाड़ की पूरी व्यवस्था म्हसरूल ग्राम मंदिर से होती है। |
समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र | मांगीतुंगी – 128 कि.मी., कचनेर- 225 कि.मी., पैठण-245 कि.मी., एलोरा- 175 कि.मी. कुं थलगिरि 300 कि.मी., दि. जैन प्राचीन तीर्थक्षेत्र, अंजनेरी 35 कि.मी. मांडल महुआ (सूरत) 170 कि.मी., बोरीवली मुम्बई- 200 कि.मी., देवलाली – 15 कि.मी. ( त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग प्रसिद्ध है। |