नाम एवं पता | श्री महावीर ब्रह्मचर्याश्रम (जैन गुरूकुल), कारंजा (लाड़) बिरवाडी – कांरजा (लाड़), जिला- वाशिम (महाराष्ट्र) पिन – 444 105 |
टेलीफोन | 07256222031, 093715 42172 |
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ | आवास : कमरे (अटैच बाथरूम ) – 5, कमरे (बिना बाथरूम ) – x हाल- 2 (यात्री क्षमता 25 ), यात्री ठहराने की कुल क्षमता 100. गेस्ट हाऊस – 2
भोजनशाला : है, अनुरोध पर सशुल्क, विद्यालय : है, औषधालय : है, पुस्तकालय : है |
आवागमन के साधन | रेल्वे स्टेशन : मूर्तिजापुर 32 कि.मी.
बस स्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग : कारंजा (लाड) रेल अथवा सड़क मार्ग |
निकटतम प्रमुख नगर | वाशिम 65 कि.मी., अमरावती 65 कि.मी., अकोला – 72 कि.मी. |
प्रबन्ध व्यवस्था | संस्था : श्री म.ब्र. आश्रम (जैन गुरुकुल), कारंजा (लाड़)
अध्यक्ष : श्री कांतिलाल भुरे (022-24145102) मंत्री : श्री राजकुमार चंवरे ( 0724-2432010) प्रबन्धक : श्री प्रकाश जैन (07256-222031) |
क्षेत्र का महत्व | क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 04
क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : प्राचीनकाल में यहाँ सेनगण, काष्ठासंघ व बलात्कारगण नामक तीन भट्टारक गद्दियाँ थी। सेनगण संबधित मन्दिर में भगवान पार्श्वनाथ की मूलनायक प्रतिमा के साथ 62 पाषाण व 49 धातु की प्रतिमाएँ हैं। काँच की नन्दीश्वर द्वीप की रचना बनी हुई है। काष्ठासंघ से संबंधित मन्दिर में मूलनायक चन्द्रप्रभु की पद्मासन प्रतिमा है, साथ ही लकड़ी का बना 42 स्तम्भ वाला दारूमण्डप दर्शनीय है। बलात्कारगण संबंधित मन्दिर में चन्द्रप्रभु की प्रतिमा व दो सहस्रकूट जिनालय हैं। विशेष : यहाँ कंकुबाई जैन श्राविका श्रम भी है। |
समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र | मुक्तागिरि – 115 कि.मी., भातकुली जैन- 75 कि.मी.,शिरपुर अंतरिक्ष पार्श्वनाथ – 85 कि.मी., वाढोणा (रामनाथ) – 25 कि.मी.,दिग्रस- 45 कि.मी. अतिशय क्षेत्र हैं। |