नाम एवं पता | श्री खंडगिरि – उदयगिरि दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र ग्राम- खंडगिरि-भुवनेश्वर, जिला- खुरड़ा (उड़ीसा) पिन – 751030 |
टेलीफोन | 0674-2384530, 094387 30773, 094373 13970 |
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ | आवास : कमरे (अटैच बाथरूम ) – 08 , कमरे (बिना बाथरूम) – 24 हाल – 1 ( यात्री क्षमता – 20 ), गेस्ट हाऊस – 1, ए.सी. सहित कमरा यात्री ठहराने की कुल क्षमता 100.
भोजनशाला : है, अनुरोध पर सशुल्क, विद्यालय : नहीं, औषधालय : है, पुस्तकालय : है |
आवागमन के साधन | रेल्वे स्टेशन : भुवनेश्वर – 8 कि.मी.
बस स्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग : वरमुण्डा बस स्टेण्ड रेल अथवा सड़क मार्ग से, भुवनेश्वर से टेम्पो, ऑटो रिक्शा उपलब्ध रहते हैं। |
निकटतम प्रमुख नगर | भुवनेश्वर 8 कि.मी., कटक – 30 कि.मी. |
प्रबन्ध व्यवस्था | संस्था : श्री बंगाल बिहार उड़ीसा दि. जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी, कोलकाता
अध्यक्ष : श्री शांतिलाल पाटोदी, कोलकाता मंत्री : श्री भागचन्द कासलीवाल, कोलकाता (09437042974) क्षेत्र मंत्री : श्री शांतिकुमार जैन, कटक (0671-2310258, 2310126) क्षेत्र मंत्री : श्री शांतिकुमार जैन, कटक (0671-2310258, 2310126) |
क्षेत्र का महत्व | क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 28 ( उदयगिरि पर 18 गुफाएँ, खंडगिरि पर 4 मन्दिर एवं 5 गुफाएँ तथा धर्मशाला में एक जिनालय)
क्षेत्र पर पहाड़ : है । 125 सीढ़ियाँ हैं । ऐतिहासिकता : उदयगिरि पहाड़ी 35 मीटर ऊँची है। जिसमें 18 गुफाएँ भव्य एवं दर्शनीय हैं तथा 2500 वर्ष पुराना खारवेल का शिला लेख है। खंडगिरि पहाड़ी लगभग 40 मीटर ऊँची है। यहाँ 4 जिनालय एवं 5 गुफाएँ हैं । अनंत गुफा में डेढ़ हाथ की कायोत्सर्ग जिन प्रतिमा है। इन्द्रकेसरी गुफा में 8 प्रतिमाएँ अंकित हैं। आदिनाथ गुफा में 24 तीर्थकरों की प्रतिमाएँ हैं। यहाँ भगवान महावीर का समवशरण आया था अतः यह अतिशय क्षेत्र भी माना जाता है। यहाँ से जयद्रथ राजा के 500 पुत्र मोक्ष गये थे, अतः यह सिद्ध क्षेत्र भी है। |
समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र | लिंगराज टेम्पल – 10 कि.मी., धवलगिरि – 15 कि.मी., कोणार्क – 65 कि.मी., नंदनकानन – 21 कि.मी., जगन्नाथपुरी 60 कि.मी., कटक 30 कि.मी., ये सभी दर्शनीय स्थल हैं। |