| नाम एवं पता | श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, चाँदखेड़ी ग्राम एवं तह. – खानपुर, जिला- झालावाड़ (राजस्थान) पिन – 326038 |
| टेलीफोन | 07430 261358, 261616, 092146 29719 |
| क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ | आवास : कमरे ( अटैच बाथरूम) – 100, कमरे (बिना बाथरूम) – 100,हाल 10 ( यात्री क्षमता 200+300), ए.सी. कमरे 16, यात्री ठहराने की कुल क्षमता-2000.
भोजनशाला : है, अनुरोध पर सशुल्क, विद्यालय : है, औषधालय : है (आयुर्वेदिक), पुस्तकालय : है, पुस्तकें 1500, नियमित पत्रिकाएँ 10 |
| आवागमन के साधन | रेल्वे स्टेशन : रामगंजमंडी 65 कि.मी., कोटा 120 कि.मी., अटरू 35 कि.मी., बारा-45 कि.मी.
बस स्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग : रामगंजमंडी, कोटा, झालावाड, इन्दौर से नियमित बस सेवा अटरू बारा से नियमित बस सेवा उपलब्ध |
| निकटतम प्रमुख नगर | झालावाड़ 35 किमी. |
| प्रबन्ध व्यवस्था | संस्था : श्री आदिनाथ दि. जैन महाअतिशय क्षेत्र, चाँदखेड़ी प्रबन्ध कार्यकारिणी कमेटी
अध्यक्ष : श्री गुलाबचन्द जैन, चूना वाले (0744-2502161,09414188281) मंत्री : श्री महावीरप्रसाद जैन (0744-2428979, 09352638979) प्रबन्धक : प्रबन्धक श्री अविनेश जैन (07430-261358, 261616, 09784895777) |
| क्षेत्र का महत्व | क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 02
क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : जनश्रुति के अनुसार कोटा राज्य के दीवान श्री किशनदासजी मड़िया (बघेरवाल) को रात्रि में किसी ने कहा कि ‘शेरगढ़ के बारापाटी के सघन वन में स्थित तीर्थंकर भगवान आदिनाथ की प्रतिमा को अन्यत्र विराजमान करो’ और इस पर कार्यवाही करते हुए प्रतिमाजी यहीं पर आकर रुक गई। इस प्रकार यह मूर्ति चाँदखेड़ी में विराजमान की गई। मूलनायक भगवान आदिनाथ की यह प्रतिमा अतिशय युक्त लाल पाषाण की साढ़े छह फीट उत्तुंग पद्मासन में स्थित है। इस पर संवत् 512 अंकित है। भगवान, सिद्ध भगवान एवं श्री पार्श्वनाथ भगवान के रत्नमयी जिन बिम्बों को 24 मार्च 2002 से 6 अप्रैल 2002 तक श्रावकों के दर्शनार्थ भूगर्भ से ऊपर निकाला गया। महाअतिशय : परमपूज्य मुनि पुंगव श्री 108 सुधासागरजी महाराज द्वारा श्री चन्द्रप्रभु विशेष आयोजन की तिथियाँ : चैत्र वदी नवमी (श्री आदिनाथ जयन्ती) |
| समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र | झालरापाटन – 40 कि.मी., केशोरायपाटन – 145 कि.मी., कैथूली – 85 कि.मी., गागरोन का किला – 35 कि.मी., दादावाड़ी नसियाँ कोटा 120 कि.मी. |
