जीवन का संघर्ष ही व्यक्ति को निखारता है, उसकी जीवनी शक्ति को प्रखर करता है। जिस तरह लोहे को भट्टी में तपाकर उसे शक्तिशाली बनाया जाता है ठीक उसी तरह जीवन में आने वाली चुनौतियां व्यक्ति की सामर्थ्य को सबलता प्रदान करती हैं। जो संघर्ष को आभूषण मानकर उसे अंगीकार करते हैं, वही इतिहास रचते हैं। उन्हीं को जीवन में सफलता का शिखर छूने का सुअवसर प्राप्त होता है। संघर्ष के सामने ‘ आंखें मूंदने वाले कभी सफल नहीं हो पाते। जो संघर्ष से भय खाते हैं उन्हें सफलता का स्वप्न भी नहीं दिखाई देता। छात्र जीवन में छात्र का संघर्ष ही उसे भावी जीवन की स्वर्णिम गारंटी प्रदान करता है। यदि वह छात्र जीवन में संघर्ष नहीं करता और मौज-मस्ती को अपना लक्ष्य बनाता है तो निश्चित ही उसका भविष्य तमस से भर जाता है। फिर शेष जीवन उसे संघर्षों की गोद में ही गुजारना पड़ता है। बाद में सिर्फ पछतावा होता है।
कठफोड़वा पक्षी के भोजन का संघर्ष हमें आश्चर्य से भर देता है। वह अपनी चोंच से पेड़ की कठोर छाल को हटाकर उसमें अपना भोजन तलाशता है। वह अपनी चोंच के आघात से पेड़ के तने में सुराख तक कर डालता है। यही जीवन संघर्ष हमें सीख देता है। हमें निरंतर कठोर परिश्रम करते हुए सुंदर भविष्य को गढ़ने का उपक्रम करना चाहिए। जो व्यक्ति चुनौती और संघर्ष से घबराते हैं उनकी सफलता की संभावना न्यून हो जाती है। ऐसे व्यक्ति का आत्मविश्वास कमजोर होता है। आत्मविश्वास में कमी के कारण वह अपनी प्रतिभा से न्याय नहीं कर पाता। नाविक नदियों अथवा समुद्र में भयंकर तूफान के बीच भी यदि सुरक्षित लौट आता है तो यह उसकी जीवटता, जीवन संघर्ष एवं धैर्य के कारण ही संभव हो पाता है। अन्यथा वह तूफान का ग्रास बन जाता है। इसलिए कहते हैं कि जीवन में वही पराजय का सामना करता है जो विजय के लिए प्रयास नहीं करता। प्रयास जितना प्रखर होगा, परिणाम उतना ही प्रभावी होगा।