जैन काशी के नाम से विख्यात मूडबिद्री (कर्ना.) के १८ मंदिरों में अत्यन्त प्राचीन एवं मनोज्ञ प्रतिमाएँ हैं। २९ स्फटिक मणि की प्रतिमाएँ हैं। नवरत्न प्रतिमा के मंदिर में हीरा, पन्ना आदि की मूर्तियां हैं। १००० खम्भों वाला मंदिर अत्यन्त शोभनीय है। इस मंदिर का निर्माण नेपाली—चायनीज शैली में हुआ है। जिसको बनाने में ६६ वर्ष लगे। इस मंदिर में ७ मण्डप हैं तथा तीन मंजिल में बना है। इस मंदिर में ९ फुट ऊंची चन्द्रप्रभ भगवान की पंचधातु से निर्मित मनोज्ञ अतिशयकारी प्रतिमा है। सिद्धान्त दर्शन व ताड़पत्रीय धवलत्रय (श्री धवल, श्री जयधवल, श्री महाधवल) आगम ग्रंथों की यहाँ के भण्डार में उपलब्धि विशेष उल्लेखनीय है। यहाँ पर प्रतिवर्ष १३ अगस्त और २५ दिसम्बर को १ लाख दीपकों से भगवान की आरती की जाती है।